नई दिल्ली। देर से सही पर दुरूस्त आये वाली कहावत की तर्ज पर आखिरकार तब्लीगी जमात वालों के चलते देश पर कोरोना के बढ़ते असर को देख सख्त कदम उठाने पर सरकार अब मजबूरन आमादा हो गई है। जिसके तहत केंद्र सरकार ने आज दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के लोगों के जुटने के मामले में 960 विदेशियों को ब्लैकलिस्ट और जमात से संबंधित गतिविधियों में शामिल होने के कारण उनका पर्यटक वीजा रद्द कर दिया गया है।
गौरतलब है
कि गृह मंत्रालय
की
ओर
से
दिल्ली पुलिस और अन्य संबंधित राज्यों के डीजीपी को तब्लीगी जमात निजामुद्दीन मामले में 960 विदेशियों के खिलाफ विदेशी अधिनियम 1946 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कानून का उल्लंघन करने वाले 960 विदेशी नागरिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को निर्देश दिया जिसके बाद इन सभी के पर्यटक वीजा रद्द कर दिए गए।
ज्ञात हो कि इससे पहले गृह मंत्रालय ने आज जानकारी दी कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देशभर में तब्लीगी जमात के सदस्यों और उनके संपर्क में आए करीब 9000 लोगों को अब तक पृथक रखा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दिल्ली में तब्लीगी जमात के ऐसे करीब 2000 सदस्यों में से 1804 को पृथक (क्वारंटीन) केंद्रों में भेज दिया गया है जबकि लक्षण वाले 334 सदस्यों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में तब्लीगी जमात के सदस्यों की पहचान के लिए राज्यों के साथ गृह मंत्रालय के पुरजोर प्रयासों के कारण यह संभव हो सका। बता दें कि निजामुद्दीन मरकज में विदेशियों सहित तब्लीगी जमात के करीब 9 हजार लोग जुटे थे। लॉकडाउन और धारा 144 लागू होने के बावजूद इन लोगों ने मरकज में शिरकत की। बाद में इनमें से की लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। तेलंगाना में छह और दिल्ली में दो जमातियों की मौत भी हुई। इसके अलावा दूसरे राज्यों में भी मरकज से लौटे लोगों में संक्रमण पाया गया। अब पूरे देश में इनकी तलाश हो रही है।