डेस्क। कोरोना के बारे में हाल फिलहाल जो बातें सामने आ रही हैं वो न सिर्फ चौंकाने वाली हैं बल्कि हमें और आप सभी को अहम जानकारी देने वाली हैं। क्योंकि अब ऐसा भी बताया जा रहा है कि बिना सर्दी-जुकाम के लक्षण के भी किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस हो सकता है। दरअसल अगर किसी भी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक है तो वह करीब दो सप्ताह में ठीक हो जाता है। हालांकि इस दौरान पीड़ित से दूसरे में वायरस जाने का खतरा जरूर बना रहता है।
गौरतलब है कि हाल ही में लखनऊ में पाए गए कोरोना के पॉजीटिव मरीजों में दो मरीज ऐसे हैं, जिनमें किसी तरह का लक्षण नहीं था। एहतियातन जब इनकी जांच की गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इन मरीजों के इलाज में लगे संक्रामक रोग नियंत्रण यूनिट के प्रभारी डॉ. डी हिमांशु भी इसे स्वीकार करते हैं। उनके अनुसार कई जगह ऐसे तमाम केस सामने आए हैं। एसजीपीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. टीएन ढोल कहते हैं कि वायरस की चपेट में आने के बाद कई बार शरीर दो से तीन हफ्ते में खुद ही इससे लड़कर असर खत्म कर देता है।
इन सभी का मानना है कि इस बीच यदि संक्रमित व्यक्ति की चपेट में कोई आया तो उसके लिए खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि हर व्यक्ति की इम्युनिटी और एंटीबॉडीज अलग-अलग होती हैं। फैलने पर बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, डायबिटीज, किडनी, हार्ट सहित अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों में भी यह वायरस पहुंच जाएगा। ऐसे लोगों के लिए यह खतरा बन सकता है। वह बताते हैं कि अभी तक जो पॉजिटिव केस सामने आए हैं, वे चुनिंदा हैं। यदि समूची कम्यूनिटी की जांच कराई जाए तो स्थिति सामने आ जाएगी। ऐसे में तरीका है कि लोग खान-पान सही रखें और दूसरों से खुद को बचाएं। कोरोना का असर किसी व्यक्ति में ज्यादा तो किसी में कम होता है। यह तय नहीं है कि किसके लिए यह जानलेवा साबित होगा। ऐसे में क्वारंटीन के जरिये इसके प्रसार को रोका जा सकता है।
इसके अलावा जो एक और बात जो सामने आ रही है वो भी बेहद हैरान करने वाली है जिसके अनुसार कोरोना की चपेट में आने वाले महज बुजुर्ग ही नही बल्कि काफी संख्या में युवा वर्ग भी सामने आ रहा है। क्योंकि जैसा कि देश के सबसे अहम सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जो आंकड़े सामने आये हैं। वो इस बात को सही ठहराने के लिए काफी हैं। दरअसल लखननऊ में कोरोना पॉजीटिव पाये गये नौ मरीजों में से आठ की आयु 20 से 40 वर्ष बताई जाती है। जिससे ये साफ है कि कोरोना हर उम्र के लोगों को चपेट में ले रहा है। सभी को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। मिथक है कि कोरोना का असर वृद्धों एवं बच्चों में ज्यादा होता है, पर राजधानी में सामने आने वाले केस में ज्यादातर युवा हैं। यूपी में कोरोना की चपेट में आने से पहली मौत भी युवा की हुई है। बस्ती निवासी जिस युवक की मौत गोरखपुर अस्पताल में हुई, उसकी उम्र करीब 25 साल थी।
युवाओं के लिए सुझाव
यह भूल जाएं कि कोरोना का असर नौजवानों पर नहीं होगा।
बाहर निकलते वक्त मास्क और फुल ड्रेस पहनकर जाएं।
घर आते ही ठीक से साबुन-पानी से हाथ-मुंह धोएं।
खान-पान दुरुस्त रखें। सुबह नींबू-पानी का सेवन करें।
नशा न करें, क्योंकि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है।
भीड़भाड़ वाली जगह जाने से बचें।