नई दिल्ली. देश इस वक्त कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है. इस मुश्किल वक्त में डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मी दिन रात एक कर मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर उन पर हमलों की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. इसे देखते हुए बुधवार 22 अप्रैलको मोदी कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है. बैठक में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश लाने का निर्णय लिया गया है. जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को पर 2 लाख रुपए तक का जुर्माना व 5 साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर इसकी जानकारी दी है. जावड़ेकर ने बताया कि महामारी बीमारी कानून 1897 के तहत उसमें बदलाव कर अध्यादेश लागू करने का निर्णय मंत्रिमंडल ने लिया है. इस अध्यादेश के तहत पुलिस को 30 दिन में घटना की जांच करना अनिवार्य किया होगा, वहीं एक साल में फैसला आएगा. इस अध्यादेश में कड़ी सजा का प्रावधान भी किया गया है.
सरकार द्वारा लाए गए इस अध्यादेश में 3 महीने से 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. वहीं 50 हजार से 2 लाख तक जुर्माना रखा गया है. वहीं दूसरी ओर गंभीर हमले की सूरत में सरकार ने 6 महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान किया है. वहीं जुर्माना 1 लाख से 5 लाख के बीच रखा गया है. इसके अलावा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की सूरत में सरकार ने नुकसान का दोगुना जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया है. केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि सभी आरोग्य कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 50 लाख का बीमा कराया गया है.