चंडीगढ़. कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान पंजाब सरकार ने राज्य में शराब की दुकानें खोलने का अनुरोध किया, जिसे केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया था. अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा आउटलेट्स को बंद करने के पीछे दिए तर्क पर सवाल उठाया है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, अगर शराब बेचने से कोविड-19 का संक्रमण फैसने का अंदेशा है तो संब्जियों की बिक्री की अनुमति क्यों दी गई?
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रसार और शराब की बिक्री के बीच संबंध के बारे में पूछा है. उन्होंने कहा, कोरोना वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. आपने सब्जियों को खुले में बेचने की अनुमति दी है सील बोतलों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के पीछे तर्क क्या है? यह प्रतिबंध राज्यों के राजस्व को प्रभावित कर रहा है.
पंजाब सरकार ने किया था केंद्र से अनुरोध
बता दें कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की यह प्रतिक्रिया केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गुरुवार को लॉकडाउन के बीच राज्य में शराब की बिक्री फिर से शुरू करने के कांग्रेस सरकार के अनुरोध को ठुकराए जाने के बाद आई है.
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय द्वारा 3 मई तक चलने वाले लॉकडाउन के दूसरे चरण में दी जाने वाली छूट में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि देश में कहीं भी शराब की दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इस फैसले के बाद पंजाब सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया था कि शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए.
असम और मेघालय को भी छूट नहीं
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संबंध में पंजाब सरकार से अनुरोध प्राप्त करने की पुष्टि की और यह भी कहा कि मंत्रालय ने कांग्रेस की इस अपील को ठुकरा दिया था. अधिकारी ने कहा, मंत्रालय ने 15 अप्रैल को लॉकडाउन के लिए समेकित दिशानिर्देश जारी किए थे और स्पष्ट रूप से कहा था कि लॉकडाउन के दौरान शराब, गुटका और तंबाकू की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध होगा. दिशानिर्देश जारी होने के बाद, दो पूर्वोत्तर राज्यों – असम और मेघालय को 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन के पहले चरण में दी गई शराब बिक्री की अनुमति को भी 15 अप्रैल,2020 के बाद रद्द कर दिया गया था.