नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने तीन सप्ताह के लिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
शुक्रवार 24 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने की. सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि अदालत याचिकाकर्ता अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगाती है. साथ ही याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट या हाईकोर्ट के समक्ष अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल करने की अनुमति भी देती है.
पीठ ने आगे कहा कि इस मामले में नागपुर में दर्ज एफआईआर को मुंबई स्थानांतरित किया जाए और बाकी एफआईआर पर रोक लगा दी जाए. पीठ ने आगे कहा कि इस मामले में नागपुर में दर्ज एफआईआर को मुंबई स्थानांतरित किया जाए और बाकी एफआईआर पर रोक लगा दी जाए. कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को भी आदेश दिया है कि वे जांच में पुलिस का पूरा सहयोग करें. सुनवाई के दौरान अर्णब गोस्वामी की ओर से अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ भटनागर पेश हुए. जबकि छत्तीसगढ़ की ओर से विवेक तन्खा, महाराष्ट्र की ओर से कपिल सिब्बल और राजस्थान की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले की पैरवी की.
यह है पूरा मामला
बीते 21 अप्रैल को रिपब्लिक टीवी चैनल पर अपने एक कार्यक्रम के दौरान अर्नब गोस्वामी ने सोनिया गांधी पर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कथित तौर पर महाराष्ट्र के पालघर जिले में दो साधुओं सहित तीन लोगों की लिंचिंग के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को दोषी ठहरा दिया. उन्होंने कहा था, अगर पादरियों की हत्या होती तो रोम से आई हुई, इटली वाली, एंतोनिया माइनो, सोनिया गांधी चुप नहीं रहती. मुझे लगता है कि मन ही मन वो खुश है कि सड़कों पर संतों को मारा गया है. वो इटली में रिपोर्ट भेजेगी कि जहां पर मैंने एक सरकार बना ली वहां पर हिंदू संतों को मैं मरवा रही हूं. अर्णब गोस्वामी की इस विवादित टिप्पणी को लेकर बीते बुधवार को उनके खिलाफ महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और जम्मू- कश्मीर में एफआईआर दर्ज कराई गयी थीं. इसके बाद से उनके ऊपर गिरफ्तार की तलवार लटक रही थी.