लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दूसरे राज्यों में 14 दिन का क्वारनटीन पूरा कर चुके मजदूरों को वापस लाने की तैयारी में है. प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाएगी. इसके लिए कार्य योजना बनाने को योगी सरकार ने मंजूरी दी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार 24 अप्रैल को कोविड-19 पर हुई मीटिंग के बाद कहा कि एक कार्य योजना तैयार की जाए, जिसमें दूसरे राज्यों में फंसे हुए मजदूरों की चेकिंग और टेस्टिंग करने की योजना बने और फिर प्रदेश की सीमा में आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार उन मजदूरों को उनके जिलों तक अपनी बसों के माध्यम से पहुंचाएगी. बता दें कि आजतक इस सिलसिले में एक खबर पहले ही कर चुका है.
बता दें कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के बीच अलग-अलग राज्यों में मजदूर फंसे हुए हैं. ये प्रवासी मजदूर लगातार अपने घर वापस जाने की मांग कर रहे हैं. राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों को वापस लाए जाने के बाद प्रवासी मजदूरों को वापस उनके राज्यों में भेजे जाने की मांग बढ़ गई थी.
बसपा प्रमुख मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कोटा से बच्चों को वापस लाए जाने के योगी सरकार के कदम की तारीफ की थी. साथ ही दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाए जाने की मांग की थी.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाए जाने पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की सराहना की थी, लेकिन साथ ही प्रदेश सरकार से मजदूरों की मदद करने और उन्हें अलग अलग राज्यों से वापस लाकर उनके घरों तक पहुंचाने की अपील भी की थी.
प्रियंका गांधी ने वीडियो जारी करके राज्य सरकार से मजदूरों की मदद करने और उन्हें अलग-अलग राज्यों से वापस लाकर उनके घरों तक पहुंचाने की अपील की थी. प्रियंका गांधी ने कहा था कि कई दिनों से जो यूपी के प्रवासी मजदूर अलग अलग प्रदेशों में फंसे हुए हैं, उनसे मैं बात कर रही हूं. मैंने राजस्थान में, दिल्ली में, सूरत में, इंदौर में, भोपाल में, मुंबई और अन्य प्रदेशों में फंसे हुए लोगों से बात की.
प्रियंका गांधी ने कहा कि मजदूरों की सबसे बड़ी समस्या क्या है? मज़दूरी करने के लिए ये अलग-अलग शहरों में गए. लॉकडाउन हुआ. मजदूरी बंद हो गई. आगे चलकर राशन भी ख़त्म हो गया. अब छह-छह लोग, आठ- आठ लोग एक कमरे में बंद हैं. राशन मिल नहीं रहा है. बहुत ही घबराए हुए हैं, बहुत ही डरे हुए हैं और किसी भी तरह से घर जाना चाहते हैं. हम इनको दोषी ठहरा नहीं सकते कि आप घर जाना चाहते हैं. हम और आप भी तो अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं.