नई दिल्ली– कोरोना मरीजों के नए लक्षण यूरोप और अमेरिका के त्वचा रोग से विशेषज्ञों के लिए चर्चा का विषय बन गए हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना के यह नए लक्षण खासतौर पर बच्चों और युवाओं में देखे जा रहे हैं। मार्च के महीने में इटली के कुछ त्वचा विशेषज्ञों ने कोरोना के मरीजों के पैरों और उंगलियों में सूजन पाई थी। इसके अलावा, ये भी देखा गया कि संक्रमित अंगों का रंग भी बदल चुका था।
हालांकि, ठंड के मौसम में भी कई लोगों की पैर की उंगलियां बिल्कुल सुन्न पड़ जाती हैं या पैरों में सूजन आ जाती है। ये आमतौर से उन लोगों में होता है जो बहुत ज्यादा ठंडी जगहों पर रहते हैं। इस लक्षण में पैर के अंगूठे की रक्त धमनियों में सूजन आ जाती है और उनमें ऐंठन होने लगती है।
खबर के मुताबिक इटली के ठंडे इलाके में इस तरह के लक्षण सबसे ज्यादा सामने आये थे इसलिए त्वचा रोग विशेषज्ञों इस लक्षण का नाम ‘कोविड टोज’ रख दिया था। अब कोविड टोज के यही लक्षण अमेरिका के बोस्टन शहर में देखे जा रहे हैं। यहां कोरोना का विकराल रूप सामने आया है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी से जुड़े डॉक्टर्स अब ‘कोविड टोज’ वाले बच्चों को भी कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने की अपील कर रहे हैं। इटली में, ‘कोविड टोज’ वाले बच्चों में Covid-19 के पहले से ज्ञात कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे। सोशल मीडिया पर त्वचा रोग विशेषज्ञों और अन्य डॉक्टर के बीच इस विषय पर गर्मागरम बहस भी हो चुकी है।
इस मामले में स्पेन के डॉक्टरों ने कहा था कि पैरों में होने वाले घावों को भी कोरोना वायरस का एक लक्षण माना जा सकता है। इसे कोरोना से संक्रमित होने से पहले का प्रमुख लक्षण माना जा सकता है। कोरोना संक्रमण इसलिए भी एक महामारी बन गया क्योंकि इसके कई मरीज बिना लक्षण वाले भी होते हैं। दुनिया भर में स्वास्थ्य एजेंसियां Covid-19 के लक्षण वाले मरीजों को पूरी दृढ़ता से ठीक करने में जुटी हैं, वहीं इनके लिए असली चुनौती उन मरीजों की पहचान करना है जिनमें Covid-19 के लक्षण नहीं दिखते हैं।