नई दिल्ली. उल्कापिंड बुधवार 29 अप्रैल की सुबह धरती के करीब से गुजरेगा. इसे लेकर दावे किए जा रहे हैं कि इसकी वजह से प्रलय जैसे हालात पैदा होंगे और सब खत्म हो जाएगा. लगभग 1.2 मील चौड़ा Asteroid उल्कापिंड दुनियाभर के वैज्ञानिकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और इस पर NASA समेत दुनिया की अतंरिक्ष एजेंसियों की नजर है.
इस Asteroid की रफ्तार 19,000 किमी प्रति घंटा है और इसी रफ्तार के साथ यह आगे बढ़ रहा है. इसे पहली बार 1998 में देखा गया था. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बहुत बड़ा है और पृथ्वी पर वैश्विक प्रभाव पैदा करने के लिए काफी है. हालांकि, उन्होंने इस Asteroid को लेकर साफ कहा है कि इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह धरती से काफी दूर से गुजरने वाला है.
यह Asteroid धरती से 1.8 मिलियन किलो मीटर की दूर चला जाएगा. ऐसे में अगर आपसे भी कोई 29 अप्रैल की सुबह धरती के खत्म होने की बात कह रहा है तो उस पर यकीन ना करें क्योंकि यह पूरी तरह से फर्जी है.
हालांकि, वैज्ञानिकों ने इसके आकार के कारण इसे भविष्य में धरती के लिए खतरे के रूप में देखा है. हाल ही में NASA ने एक तस्वीर भी जारी की थी जिसमें इस Asteroid की इमेज नजर आ रही थी. इसमें यह किसी मास्क लगाए शख्स की तरह नजर आ रहा था.
वैज्ञानिकों का कहना था कि इसके एक छोर पर पहाड़ियों और लकीरें जैसे विशेषताएं दिखती हैं, इसलिए यह ऐसा नजर आता है, जैसे इसे मास्क लगा हो. मीडिया की खबरों के अनुसार इसे लेकर नासा ने लोगों की जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए एक सवाल-जवाब सेशन भी पेश किया था ताकि जो लोग इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं वो जरूरी जानकारी ले सकें.
जानकारी के अनुसार यह उल्कापिंड 29 अप्रैल की सुबह 5 बजे के आसपास धरती के करीब से गुजरेगा और इससे धरती पर किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. इसके बावजूद इस पर लगातार नजर रखी जा रही है.