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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा-प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना के इलाज का पुख्ता सबूत नहीं, अभी एक्सपेरिमेंटल स्टेज पर

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नई दिल्ली- कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज क्या प्लाज्मा थेरेपी से किया जा सकता है? इसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि प्लाज्मा थेरेपी को लेकर को मान्य थ्योरी अभी नहीं है. इसको लेकर अभी रिसर्च किया जा रहा है. प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल अगर गाइडलाइन के मुताबिक नहीं किया गया तो यह जान पर भी खतरा बन सकता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, प्लाज्मा थेरेपी पर काफी चर्चा हो रही है. COVID 19 के लिए देश में क्या दुनिया भर में कोई अप्रूव थेरेपी नहीं है. प्लाज्मा थेरेपी प्रायोगिक चरण में है, लेकिन अभी यह दावा करने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज के तौर पर किया जा सकता है. ICMR इसको लेकर स्टडी कर रही है. इसलिए जरूरी है कि जब तक ICMR स्टडी पूरा नहीं कर ले, तब तक इसका प्रयोग रिसर्च या ट्रायल के लिए ही करें. प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल अगर गाइडलाइन्स के मुताबिक नहीं करते हैं तो यह जान पर भी खतरा पैदा कर सकता है.

उन्होंने कहा, जब तक आईसीएमआर इसका सर्टिफिकेशन नहीं करता है तब तक इस थेरेपी का उपयोग गैर कानूनी है. इसको प्रयोग के तौर पर तो इस्तेमाल हो सकता है लेकिन उपचार के तौर पर नहीं.

अग्रवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1543 नए मामले आए हैं. इसी के साथ संक्रमितों की संख्या 29,435 हो गई है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के 6,868 मरीज अबतक ठीक हो चुके हैं, जो कुल मामलों का 23.3 फीसदी है. अब तक 934 लोगों की मौत हुई है.

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