चंडीगढ़. कोविड-19 लॉकडाउन के बीच 7 लाख से अधिक कर्मचारी हरियाणा के ईंट भट्ठों और उद्योगों में काम पर लौट आए हैं. मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के मुताबिक जो उद्योग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने 50 प्रतिशत मजदूरों के साथ काम करने के लिए आगे आएंगे, उनमें 8 घंटे की बजाय 12 घंटे तक भी काम लिया जा सकता है. बशर्ते कि फैक्ट्री एक्ट, 1948 की धारा-59 के तहत उद्यमियों को 4 घंटे के ओवरटाइम का दोगुना वेतन देना होगा.
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक इकाईयों को खोलने के लिए दी गई रियायतों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में ईंट भट्ठे खोल दिए गए हैं, जिनमें 2 लाख 7 हजार मजदूर काम कर रहे हैं. इसके अलावा, अन्य औद्योगिक इकाईयों में लगभग 5 लाख कर्मचारी एवं मजदूर कार्य कर रहे हैं. आईटी क्षेत्र में 33 प्रतिशत श्रमिक शक्ति के साथ इकाइयों को कार्य संचालन की स्वीकृति दी गई है. शेष अन्य औद्योगिक इकाइयों को 50 प्रतिशत श्रमिक शक्ति के साथ कार्य करने की छूट है.
कोरोना वायरस की महामारी के कारण राज्य को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था. मार्च में करीब 3000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ था. अप्रैल में यह राशि छह हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. जबकि हरियाणा पर पहले से ही 1.98 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लदा हुआ है. बेरोजगारी दर 28 फीसदी तक पहुंच गई है. सूत्रों का कहना है कि इसीलिए सरकार ने कुछ शर्तों को लागू करते हुए उद्योगों को खोलने का फैसला लिया. यहां पर गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला और पानीपत बड़े औद्योगिक केंद्र हैं.