गंगटोक. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर दुनिया भर के निशाने पर आए चीन के नापाक इरादे अब भारतीय सीमा पर भी सामने आने लगे हैं. अपनी आक्रामक विस्तारवादी नीति को अंजाम देने में जुटे चीन के दुस्साहस की पराकाष्ठा ही कहा जाएगा कि उत्तरी सिक्किम के नाकुला सेक्टर में उसने सीमा पर कर घुसपैठ का प्रयास किया. इस दौरान दोनों तरफ से झड़प भी हो गई.
इसमें दोनों पक्षों के जवानों को मामूली चीटें भी आईं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस झड़प में 7 चीनी सैनिक और 4 भारतीय सैनिक घायल हुए हैं. हालांकि भारतीय सेना ने इसे सामान्य झड़प करार दिया है, जिसे मान्य प्रोटोकॉल के तहत सुलझा लिया गया.
सूत्रों ने बताया, कुछ देर चली बातचीत के बाद दोनों तरफ के सैनिक अपनी-अपनी पोस्ट पर वापस लौट गए. सेना के सूत्रों ने बताया कि सीमा विवाद के चलते सैनिकों के बीच ऐसे छोटे-मोटे विवाद अक्सर होते रहते हैं. सूत्रों की मानें तो लंबे समय बाद नॉर्थ सिक्किम इलाके में भारत और चीन के सैनिकों के बीच ऐसे तनाव देखने को मिला. जब कभी ऐसा कोई विवाद होता है तो तय प्रोटोकॉल के मुताबिक दोनों सेनाएं इसे सुलझा लेती हैं.
इससे पहले साल 2017 में दोनों देशों के बीच सिक्किम क्षेत्र में भीषण तनाव देखने को मिला था. तब यह इतना बढ़ा था कि भारत के शीर्ष सैन्य अफसरों ने कई दिनों तक इलाके में कैंपिंग की. इन अधिकारियों में 17वीं डिविजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग भी शामिल थे. दोनों देशों के सैनिकों के बीच धक्कामुक्की की घटना के बाद विदेश मंत्रालय और दिल्ली स्थित सैन्य मुख्यालय तक हलचल रही.सांकेतिक तस्वीरदरअसल चीनी सेना इस इलाके में सड़क निर्माण करने की कोशिश कर रही है.
चीन पहले ही सामरिक लिहाज से बेहद अहम माने जाने वाले चुंबी घाटी इलाके में सड़क बना चुका है, जिसे वह और विस्तार देने की कोशिश कर रहा है. यह सड़क भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर या कथित ‘चिकन नेक’ इलाके से महज पांच किमी दूर है. यह सिलिगुड़ी कॉरिडोर ही भारत को नॉर्थ ईस्ट के राज्यों से जोड़ता है. इसी कारण से भारतीय सैनिकों और चीनी सेना के बीच अक्सर टकराव होता रहता है. साल 2017 में भी टकराव की यही वजह थी जब पीएलए के जवानों को विवादित इलाके में निर्माण कार्य करने से भारतीय सेना ने रोक दिया था.