Saturday , April 20 2024
Breaking News

गुजरात के शिक्षा एवं कानून मंत्री को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने उनका निर्वाचन किया रद्द

Share this

अहमदाबाद. गुजरात के शिक्षा एवं कानून मंत्री भूपेंद्रसिंह चूडास्मा की चुनावी जीत को चुनौती देने वाली याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट आज फैसला आ गया है. कोर्ट ने इस मामले में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए चुनाव ही रद्द कर दिया है. इसके बाद राज्य के शिक्षा और कानून मंत्री चूडास्म को बड़ा झटका लगा है.

हालांकि, उनके पास इस फैसले के खिलाफ उच्चतम कोर्ट में जाने का विकल्प खुला है. हाईकोर्ट ने चूडास्मा की याचिका को खारिज करते हुए, कांग्रेस प्रतयाशी राठौड के आरोपों को सही मानते हुए यह फैसला दिया, राठौड ने बताया कि पोस्टल बैलट की गिनती नहीं करने को अदालत ने गंभीर मानते हुए चुनाव को ही रद्द किया है जो उनकी बडी जीत है.

चूडास्मा अब विधायक व मंत्रीपद पर नहीं रह पाएंगे

कांग्रेस प्रत्याशी अश्विन राठौड ने विधानसभा चुनाव के बाद चूडास्मा की जीत पर शंका जताते हुए इसकी जांच की मांग की थी. गुजरात के वरिष्ठ मंत्री भूपेंद्रसिंह चूडास्मा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में धोलका विधानसभा से 327 मतों से जीत दर्ज की थी. कांग्रेस प्रत्याशी अश्विन राठौड ने चुनावी हार के बाद गुजरात हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर चूडास्मा की जीत को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि डाक से आए 429 मतों की गिनती में चुनाव अधिकारियों की मिलीभगत से गड़बड़ी की गई. इन मतों की गिनती ईवीएम के मतों से पहले की जानी चाहिए थी, लेकिन अंतिम राउंड तक इनकी मतगणना को रोका गया.

बाद में इनमें से कई मतों को रद्द कर दिया गया. राठौड़ का यह भी कहना था कि डाक से मिले मत उनके खाते में दर्ज होते तो चूडास्?मा को चुनावी हार का सामना करना पड़ता. वर्ष 2017 में दायर याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट न्यायाधीश परेश उपाध्याय ने जनवरी 2020 में अपना फैसला सुरक्षित रखा था. याचिकाकर्ता राठौड का कहना है कि डाक से आए 429 मतों में से 400 मत पीठासीन अधिकारी ने खारिज कर दिए थे जिसके चलते वे 327 मतों से चुनाव हार गए.

राठौड़ का आरोप था कि चूडास्मा गुजरात के मंत्री चूडास्मा से मिलीभगत कर पीठासीन अधिकारियों ने चुनाव परिणाम को प्रभावित किया है, उनका यह भी आरोप है कि मतगणना में भारतीय निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन किया गया. राठौड़ का यह भी आरोप है कि डाक से आए 429 में से 400 वोट को खारिज किया जाना शंका पैदा करता है. अदालत के समक्ष यह बात आने के बावजूद मंत्री व उनके सहयोगी कानूनी कार्यवाही को लंबा खिंचते रहे.

Share this
Translate »