नई दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन के चलते फंसे हुए मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए इंडियन रेलवे की तरफ से देशभर में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। रेलवे के मुताबिक, 1 मई से अब तक 800 श्रमिक ट्रेनें चलाई गई है और इस दौरान 10 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन 25 मई से देशभर में लागू किया गई थी। उसके बाद से ट्रेन, बस और हवाई तीनों सेवाएं बंद हो गई थी जिसकी वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना इन मजदूरों को करना पड़ा।
रेलवे ने 30 जून तक की यात्रा के लिए पहले से बुक सभी टिकटों को कैंसल कर दिया है। रेल मंत्रालय ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि सभी टिकटों पर फुल रिफंड दिया जाएगा यानी यात्रियों से कैंसिलेशन चार्ज वसूल नहीं किया जाएगा। रलेवे बोर्ड पैसेंजर मार्केटिंग डायरेक्टर की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर और उपनगरीय सहित सभी ट्रेनों को कैंसल कर दिया गया है।
हालांकि, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और 12 मई से शुरू की गईं स्पेशल ट्रेनें चलती रहेंगी। इन ट्रेनों के टिकट नहीं कैंसल किए गए हैं। 17 मई तक अन्य सभी ट्रेनों के टिकट पहले ही कैंसल किए जा चुके थे। इसके अलावा रेलवे ने रेगुलर ट्रेनों के टिकट बुकिंग पर भी रोक लगा रखी है।
कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में 24 मार्च से लॉकडाउन लागू करने के साथ ही पैसेंजर ट्रेनों का संचालन भी रोक दिया गया था। इस बीच मालगाड़ियां दौड़ती रहीं। 12 मार्च से रेलवे ने नई दिल्ली से देश के 15 रूटों पर 15 जोड़ी ट्रेनों की शुरुआत की है। काफी एहतियात और जांच पड़ताल के बाद यात्री इन ट्रेनों में सफर कर रहे हैं।
इससे पहले रेलवे बोर्ड ने बुधवार को वर्तमान विशेष ट्रेनों में यात्रा के लिए 22 मई से प्रतीक्षा सूची का प्रावधान शुरू किया है। वर्तमान विशेष ट्रेनों में केवल कंफर्म टिकट बुक किए जा रहे हैं, वहीं 22 मई से शुरू हो रही यात्राओं के वास्ते 15 मई से टिकटों की बुकिंग में प्रतीक्षा सूची में टिकट बुक कराने का प्रावधान होगा।