लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने मजदूर संगठनों के विरोध के बाद श्रम कानून में किये गये बदलाव को वापस ले लिया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रम कानूनों के तहत रजिस्टर्ड कारखानों को युवा श्रमिकों से कुछ शर्तों के साथ एक दिन में 12 घंटे तक काम कराने संबंधी छूट की अधिसूचना को हफ्ते भर बाद ही निरस्त कर दिया है. योगी सरकार द्वारा फैक्ट्री एक्ट में किए गए इस संशोधन की अधिसूचना को वापस लिए जाने के बाद प्रदेश में अब फिर श्रमिकों से काम कराने की अवधि अधिकतम आठ घंटे हो गई है.
कुछ दिन पहले यूपी सरकार की इस अधिसूचना को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी, जिस पर 18 मई को अगली सुनवाई होनी है.प्रमुख सचिव (श्रम) सुरेश चंद्रा ने संशोधन की अधिसूचना को खत्म किए जाने की जानकारी पत्र के जरिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य स्थायी अधिवक्ता को दे दी है. पत्र के अनुसार 8 मई को श्रम कानूनों को लेकर जारी अधिसूचना को 15 मई 20 को निरस्त कर दिया गया है.गौरतलब है कि 8 मई को उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में रजिस्टर्ड कारखानों में श्रमिकों के काम करने के घंटे बढ़ाए गए थे.
इस अधिसूचना के अनुसार कारखाने में युवा श्रमिक से एक दिन में अधिकतम 12 घंटे और एक हफ्ते में 72 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जाएगा. हालांकि इसके निरस्त किए जाने के बाद अब एक दिन में अधिकतम 8 घंटे और एक हफ्ते में 48 घंटे काम कराने का पुराना नियम फिर प्रभावी हो गया.