यूरोप के समुद्री तटों पर हज़ारों लोगों की उमड़ी भीड़ को देखकर लगा कि कोरोना से पहले ज़िंदगी ऐसी भी हसीन हुआ करती थी. यूरोपीय देशों में लॉकडाउन में ढील के साथ ही समुद्री तटों पर आवाजाही का प्रतिबंध हटा लिया गया है. जून महीने में पर्यटकों के स्वागत की तैयारी में इटली, फ्रांस और ग्रीस का टूरिज़्म सेक्टर तैयारियों में जुट गया है.
डेली स्टार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस, इटली और ग्रीस ने शनिवार से अपने समुद्री तट लोगों के लिए फिर से खोल दिए. कोरोनावायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में रियायत देते हुए सबसे पहले टूरिज्म सेक्टर पर यूरोपीय देशों ने फोकस किया ताकि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके. लॉकडाउन में ढील के साथ ही समुद्री तटों पर सैलानियों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा. समुद्र की लहरों के बीच लोगों ने जमकर मौजमस्ती की.
दो महीने से ज्यादा समय तक घरों के भीतर रहने के बाद लोगों ने आजादी की खुली हवा में सांस ली तो समुद्र की लहरों से थमी हुई ज़िंदगी में ताज़गी भरी. अकेले ग्रीस में ही 500 से ज्यादा Sea Beaches फिर से शुरू कर सरकार ने कोरोना की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुए टूरिज़्म सेक्टर को फिर से ज़िंदा करने की कोशिश की.
हज़ारों की संख्या में ग्रीस के बीच पर लोगों की भीड़ उमड़ी और लोगों ने लंबे समय बाद समुद्री तट पर धूप का आनंद लिया. इस दौरान सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा. समुद्री तट को लगातार डिसइंफेक्ट किया जाता रहा. फ्रांस में भी समुद्री तट पर पर्यटकों के लिए तैयारियों ने जोर पकड़ा. कैनोपीज़, सिटिंग एरिया और बीच-बार में लोगों की भीड़ बढ़ती रही.
कोरोना महामारी से बुरी तरह टूटने वाले इटली ने भी बंद दरवाज़ों से बाहर निकलने का फैसला किया. लंबे लॉकडाउन के बाद इटली में 3 जून से पर्यटकों के स्वागत की तैयारी शुरू कर दी गई. सबसे खास बात ये है कि इटली में विदेशी पर्यटकों को आने के बाद ब्रिटेन की तरह 14 दिनों तो क क्वारेंटाइन में नहीं रहना होगा. इटली की सरकार ने टूरिज़्म सेक्टर को बूम देने के लिए पर्यटकों पर से प्रतिबंध की दूरी रखने की योजना बनाई है.
इन तीन देशों में गर्मियों की तैयारियों को देखते हुए ब्रिटेन में भी जॉनसन सरकार किसी सरप्राइज़ का ऐलान कर सकती है क्योंकि यहां समर 2020 को पिछले हफ्ते रद्द कर दिया गया था. बहरहाल, कोरोना महामारी से तबाह हुई अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए ग्रीस, फ्रांस और इटली का टूरिज़्म प्लान अब बाकी देश भी भविष्य में अपना सकते हैं.