लखनऊ. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि सड़क पर भूखे प्यासे श्रमिकों की परवाह किये जाने के बजाय केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपने कार्यकाल की पहली सालगिरह मनाने की तैयारियों में मशगूल है. यादव ने गुरूवार को कहा ‘‘ कहते है जब रोम जल रहा था, सम्राट नीरो बंशी बजा रहा था. भाजपा नेतृत्व और उसकी सरकारें इसे ही दुहराने जा रहे हैं. भाजपा 30 मई को केन्द्र सरकार का एक साल पूरा होने पर अपनी उपलब्धियों का प्रचार कर वाहवाही लूटने की तैयारी में जुट गई है.
देश-प्रदेश में इसके लिए भव्य आयोजन होंगे. यह जश्न तब मनेगा जब एक ओर कोरोना महामारी से मौतें हो रही हैं और भूखे प्यासे श्रमिक भटक रहे है.’’ उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों का जंगलराज चल रहा है. सत्ता की हनक में निर्दोषों का उत्पीड़न हो रहा है. रोटी-रोजगार के धंधे बंद हैं. किसान, नौजवान और व्यापारी सब हताशा में हैं. उनकी परेशानियों पर भाजपा को जश्न मनाते कोई लोकलाज नहीं है.
सपा अध्यक्ष ने कहा ‘‘ 30 मई को भाजपा का प्रस्तावित जश्न मनाने वालों के लिए यह शायद बड़ी उपलब्धि या गर्व का विषय है कि देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या डेढ़ लाख का आंकड़ा पार कर गई है. हम इस महामारी के शिकार शीर्ष के देशों में आ गए है. अस्पतालों में, क्वॉरंटाइन सेन्टरों में बदइंतजामी और भूखे-प्यासे श्रमिकों का पलायन जारी है. कामगार बे-मौत मारे जा रहे हैं. रेलवे स्टेशन पर मृत पड़ी मां को जगाते हुए एक मासूम बच्चे की तस्वीर विचलित करती है.’’
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार अपने झूठ और थोथे वादों से जनता को कब तक भटकाएगी. पूरा देश बीमारी से त्रस्त है. हर तरफ मौत का मंजर दिख रहा है. सड़क पर, ट्रेन में, शहर में, गांव में हर जगह हालात एक जैसे हैं. समाज का हर तबका परेशान है, निराश है. गरीब भुखमरी का शिकार हो चुका है.
मजदूर बेरोजगार हो गया है. देश पूरी तरह से ठप पड़ा है. अर्थव्यवस्था का तो पता ही नहीं है कहां है. यादव ने तंज कसा कि प्रधानमंत्री के कथनानुसार भाजपा आपदा में भी अवसर तलाशती है और उसने सरकार के दूसरे शपथ ग्रहण के दिन को जश्न के अवसर के रूप में तलाश लिया है. पूरा देश बेहाल है. संकट के ऐसे समय में जब सत्ता के शीर्ष से देश को भरोसा दिलाने की जरूरत है तब जिम्मेदार लोग दिशाहीन हो चुके हैं. उन्हें जनता के सुख दुख से मतलब नहीं है भाजपा को तो बस सत्ता के सिंहासन से ही वास्ता है. देश को आगे ले जाने वाले और विकास करने वाले तमाम संस्थान बर्बाद हो चुके हैं अब सवाल यह उठता है, क्या भाजपा देश की बर्बादी का जश्न मना रही हैं.