नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग (एमएसएमई), किसानों और रेहड़ी पटरी वाले के बारे में कई अहम फैसले लिए गए हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी. प्रकाश जावड़ेकर ने ब्रीफिंग की शुरुआत में कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणाओं को लागू करने के लिए रोडमैप तैयार किया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर ने हिस्सा लिया. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक सोमवार को हुई. कैबिनेट की यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.
एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा को मिला विस्तार
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत सरकार ने आज एमएसएमई की परिभाषा को और विस्तार दिया है. सूक्ष्म उद्योगों के लिए सीमा एक करोड़ रुपये का निवेश और पांच करोड़ रुपये का टर्नओवर होगी. 10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर वाले उद्योग छोटे उद्योगों के अंतर्गत आएंगे. वहीं, 20 करोड़ रुपये निवेश और 250 करोड़ रुपये टर्नओवर वाले उद्योग मध्यम उद्योगों की श्रेणी में आएंगे.
एमएसएमई सेक्टर के लिए इक्विटी स्कीम को कैबिनेट की मंजूरी
एमएसएमई के लिए इक्विटी स्कीम को कैबिनेट से मंजूरी मिली है. अब एमएसएमई को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड के लिए सहूलियत मिलेगी. सरकार ने एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है. कैबिनेट ने स्ट्रीट वेंडर के लिए क्रेडिट स्कीम को अपनी मंजूरी दे दी है. जावड़ेकर ने कहा कि रेहड़ी-पटरी वालों को कर्ज देने वाली स्कीम को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का नाम दिया गया है. इस योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वाले आसान शर्तों पर 10,000 रुपये तक लोन ले सकते हैं.
कैबिनेट ने तय की 14 फसलों की एमएसपी
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि 360 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. धान की 95 लाख मीट्रिक टन खरीद हो चुकी है. साथ ही 16.07 लाख मीट्रिक टन दालों ओर तिलहन की खरीद हो चुकी है. कैबिनेट ने धान की एमएसपी 1,868 रुपये, ज्वार की 2,620 रुपये, बाजरा की 2,150 रुपये प्रति क्विंटल तय की है. साथ ही मक्का की एमएसपी में 53 फीसद, मूंगफली में 50 फीसद, सूरजमुखी में 50 फीसद, सोयाबीन में 50 फीसद और कपास में 50 फीसद की वृद्धि हुई है. 14 फसलों पर किसानों को लागत से 50 फीसदी से 83 फीसदी ज्यादा कीमत मिलेगी. खेती और उस जुड़े काम के लिए 3 लाख तक के अल्पकालिक कर्ज के भुगतान की तिथि 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई है.
कृषि ऋण पर ब्याज छूट का लाभ अब 31 अगस्त तक
तोमर ने कहा कि कृषि ऋण पर ब्याज छूट को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह किसानों के लिए काफी राहत भरा फैसला है. इस तारीख तक लोन चुकाने पर किसान को 4 फीसद ब्याज पर ही कर्ज मिलेगा. नितिन गडकरी ने बताया कि 10,000 करोड़ का एक फंड बनाया गया है, जिसे बाद में 50,000 करोड़ तक बढ़ाया जाएगा. इस फंड से सरकार अच्छा काम कर रही एमएसएमई में इक्विटी खरीदेगी. इससे उन्हें मजबूती मिलेगी और शेयर मार्केट से उस शेयर को और मजबूती मिलेगी.