नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) के लिए काम करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग दिल्ली में आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे. साथ ही उनकी कुछ नेताओं की भी हत्या करने की योजना थी. डीसीपी (स्पेशल सेल) संजीव यादव की टीम ने मोहिंदर पाल सिंह (29), गुरतेज सिंह (41) और लवप्रीत (21) को धर दबोचा. टेक्निकल इंटेलीजेंस से शहर में इनकी गतिविधि का पता चला था. पुलिस को पहली कामयाबी 15 जून को उस समय मिली जब उसने मोहिंदर को पश्चिम दिल्ली से एक पिस्टल और दो कारतूस के साथ गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने बाकी दो को भी धर दबोचा.
यादव ने कहा, हमें पता चला कि ये लोग आईएसआई के हैंडलर गोपाल सिंह चावला के संपर्क में थे. उनके निशाने पर मुख्य तौर पर राम रहीम के एक अनुयायी और अमृतसर में शिव सेना के एक नेता थे. गुरतेज को नारायण सिंह चौरा ने 2019 में केएलएफ से जोड़ा था. इसके बाद उसने युवाओं को लालच देकर खालिस्तानी आंदोलन से जोड़ना शुरू किया. उसने लवप्रीत तथा पांच अन्य युवाओं को इससे जोड़ा. वह आईएसआई के लिए काम करने वाले अब्दुल्ला और अमेरिका में खालिस्तानी नेता अवतार सिंह पन्नू के भी संपर्क में था.
यादव ने कहा कि गुरतेज ने एक स्थानीय सूत्र से एक पिस्टल का जुगाड़ किया और फिर दो कारोबारियों से 10 लाख रुपये की उगाही की योजना बनाई. वह इन पैसों से और हथियार खरीदना चाहता था ताकि अपनी साजिश को आगे बढ़ा सके. आरोप है कि गुरतेज ने युवाओं को पाकिस्तान में ट्रेनिंग दिलाने के लिए अब्दुल्ला को मना लिया था. उसकी योजना तरनतारन सीमा से उन्हें पाकिस्तान भेजने की थी. साथ ही उसने इन युवाओं को ट्रेनिंग के बाद एके-47 और कुछ पिस्टल देने का भी वादा किया था. लेकिन लॉकडाउन के कारण वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सका.
पूछताछ में लवप्रीत ने बताया कि उसने खालसाभिंडरेवालाजी के नाम से एक फेसबुक पेज बनाया था. इस पर वह भड़काऊ सॉन्ग और वीडियो पोस्ट करता था. वह ब्रिटेन में रह रहे खालिस्तानी आतंकवादी धन्ना सिंह के भी संपर्क में था.