नई दिल्ली. दिल्ली में कोरोना संक्रमण के तेज़ी से बढ़ते मामलों के बीच उपमख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि हमारे पास अनुभवी स्वास्थ्यकमिज़्यों की कमी है. उनका कहना है कि इस कमी के वजह से कोरोना के बढ़ते मामलों को संभालने में और ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि दिल्ली में अब कोरोना मरीजों की संख्या 77 हजार के आंकड़े को पार कर गई है. मुंबई के बाद अब दिल्ली देश में कोरोना का नया केंद्रबिंदु बनकर उभरी है. बीते करीब एक हफ्ते से लगातार राज्य मे तीन हजार से ज्यादा केस रोज सामने आ रहे हैं. अनुमानों के मुताबिक दिल्ली में जुलाई के अंत तक कोरोना के करीब 5 लाख मामले सामने आ सकते हैं.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री का कार्यभार देख रहे मनीष सिसोदिया ने एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में आशा व्यक्त की है कि कोरोना मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा नहीं बढ़ेगी. हालांकि उनका कहना है कि हम किसी भ्रम में नहीं रह सकते. मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता हमारे और दूसरे राज्यों के सामने भी सबसे बड़ा चैलेंज है.
हालांकि मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना संक्रमित हो चुके चिकित्सकों की रिकवरी के बाद सकारात्मक मनोवैज्ञानिक असर पड़ा है. कोरोना संक्रमितों की संख्या राज्य में बढ़ी है, लेकिन सुविधाओं को लेकर हालात पहले से बेहतर हुए हैं. उन्होंने कहा है कि महामारी के आउटब्रेक के समय में सरकारी अस्पताल मरीजों से पटे पड़े थे. इन अस्पतालों पर भारी दबाव था.
गौरतलब है कि दिल्ली ने कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर करीब 80 हजार बेड की व्यवस्था करने की योजना बनाई है. इसके तहत बड़े स्तर पर काम पूरा भी किया जा चुका है. 10 हजार बेड का एक बड़ा कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार हो चुका है.
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