नोएडा. उत्तर प्रदेश में 19 साल की कोरोना संदिग्ध युवती को यूपी रोडवेज की बस से फेंकने के आरोप लगे हैं. आरोप है कि युवती को कोरोना की संदिग्ध होने के चलते बस से फेंक दिया गया और बाद में उसकी मौत हो गई. मौत का कारण हार्ट फैल्योर बताया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार, 19 साल की युवती यूपी के नोएडा से सिकोहाबाद के लिए परिवार के साथ सफर कर रही थी. इस दौरान रोडवेज बस के स्टाफ के साथ झड़प हो गई. स्टाफ ने उसे कोरोना संदिग्ध होने के चलते बस से नीचे फेंक दिया. अधिकारियों और पुलिस के अनुसार, 19 साल की अंशिका की मौत कार्डियेक अरेस्ट से हुई है. वहीं, परिवार का कहना है कि वह गर्मी और सफोकेशन के चलते बेहोश हो गई थी. इस पर स्टाफ को लगा कि वह कोरोना संदिग्ध है. इसके बाद उसे मथुरा में टोल प्लाजा के पास बस से फेंक दिया. इस दौरान बस में सवार लोग भी तमाशबीन बने रहे.
पुलिस का कहना है कि महिला के साथ मारपीट के कोई सबूत नहीं है. मंत पुलिस स्टेशन के एसएचओ भीम सिंह ने बताया कि पोस्ट मार्टम में मौत का कारण नेचुरल बताया गया है, इसलिए कोई केस दर्ज नहीं किया गया है.
एसएचओ भीम सिंह ने बताया कि संदिग्ध होने के चलते युवती को बस से उतार दिया गया था. बता दें कि युवती के पिता दिल्ली के पटपड़गंज में सिक्योरिटी गार्ड हैं और दिल्ली में बढ़ते मामलों के चलते वह अपने घर सिकोहाबाद जा रहे थे. युवती के भाई ने बताया कि उसकी मां और बहन नोएडा से बस में बैठे थे और बस में चढ़ने के दौरान उसकी बहन बिलकुल ठीक थी. भाई शिव ने कहा कि पुलिस ने केस दर्ज करने से इनकार किया है.