नई दिल्ली. दुनिया की सबसे महंगी टी-20 क्रिकेट लीग IPL पर भारी जुर्माना ठोका गया है. शुरुआती आठ टीमों में से एक रही डेक्कन चार्जर्स को गलत तरीके से हटाने के एवज में इंडियन प्रीमियर लीग को 4,800 करोड़ रुपये का हर्जाना चुकाना होगा. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक बॉम्बे हाईकोर्ट ने लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद का फैसला शुक्रवार को डेक्कन चार्जर्स फ्रैंचाइजी के पक्ष में सुनाया है.
आठ साल पुराना विवाद
पूरा मामला साल 2012 का है, जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने कर्ज में डूबी आईपीएल फ्रैंचाइजी डेक्कन चार्जर्स का अनुबंध खत्म कर दिया था, इस टीम का मालिकाना हक डेक्कन क्रॉनिकल्स होल्डिंग्स (DCHL) के पास था. 14 सितंबर 2012 को चेन्नई में आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की आपातकालीन बैठक बुलाकर डेक्कन चार्जर्स की टीम को IPL से निकाल दिया गया फिर DCHL ने इस फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी दी. डेक्कन चार्जर्स को लीग से हटाने के बाद बोर्ड ने हैदरबाद की नई आईपीएल टीम के लिए बोली मंगाई जिसे सन टीवी नेटवर्क के कलानिधि मारन ने जीतकर सनराइजर्स हैदराबाद टीम खड़ी की.
रिटायर्ड जस्टिस देख रहे थे पूरा विवाद
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस सीके ठक्कर को नियुक्त किया था. डेक्कन क्रॉनिकल का पक्ष जहां धीर एंड धीर एसोसिएट्स रख रहे थे तो बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व मनियर श्रीवास्तव एसोसिएट्स कर रहे थे. धीर एंड धीर एसोसिएट्स के पार्टनर आशीष प्यासी ने कहा, ‘बीसीसीआई ने डेक्कन क्रॉनिकल के अनुबंध को एक दिन पहले समाप्त कर दिया था. यह चुनौती अवैध और समयपूर्व समाप्ति के संबंध में थी और ट्रिब्यूनल भी ने भी इसे गलत माना’. इससे पहले 2017 में एक अन्य फ्रैंचाइजी कोच्ची टस्कर्स केरल के मालिक भी इसी तरह एक मामला जीत चुके हैं.