फरुखाबाद. उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद में फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की गई है. बेसिक शिक्षा विभाग ने 30 से अधिक शिक्षकों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. अब उनसे सैलरी की रिकवरी की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा शासन के आदेश पर जिले में गठित की गई टीम वर्ष 2010 के बाद भर्ती हुए शिक्षकों की जांच करेगी.
डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की बीएड सत्र 2004-05 का फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर परिषदीय बेसिक स्कूलों में नौकरी कर रहे शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. बीएसए लालजी यादव ने बताया कि आगरा विश्वविद्यालय से संबंधित फर्जी बीएड डिग्री से जिले में नौकरी करने वाले 25 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था. अब विभिन्न थानों में इन शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. साथ ही उक्त शिक्षकों से वेतन के रिकवरी की तैयारी भी चल रही है.
उन्होंने बताया कि एसटीएफ की सूची में 2 शिक्षक फर्जी पाए गए थे. उन्हें भी बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है, जबकि फर्जी शिक्षक की लिस्ट में सात शिक्षकों के नाम शामिल थे. इनमें तीन के खिलाफ एफआईआर कर दी गई है और चार शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज कराने की तैयारी चल रही है. इसके अलावा शासन के आदेश पर जिले में गठित की गई टीम वर्ष 2010 के बाद भर्ती हुए शिक्षकों की जांच करेगी.
जांच के लिये गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों से वर्ष 2010 के बाद भर्ती शिक्षकों की सूची शैक्षिक अभिलेखों समेत मांगी है. हालांकि विभागीय अधिकारियों के पास यह लेखा-जोखा नहीं है कि 2010 के बाद अब तक कितने शिक्षक भर्ती हुए हैं. शिक्षकों की सूची मांगे जाने से गलत तरीके से नियुक्ति पाए शिक्षकों में खलबली मची है.