मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में बीजेपी बूथ प्रभारी से थाने में बने शौचालय को साफ कराने का मामला अब राजनीतिक तूल पकडऩे लगा है. आरोप है कि बूथ अध्यक्ष कन्हैया लाल बिंद से जिगना थाने में बने शैचालय को पुलिस द्वरा साफ कराया गया. इससे सदमे में आए कन्हैया विंद की मौत हो गयी. अब बीजेपी नेता अपनी ही सरकार में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और अपना दल से स्थानीय सांसद अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख जांच कराने की मांग की है. वहीं, बीजेपी नगर अध्यक्ष ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जांच की मांग की है.
दरोगा का हुआ ट्रांसफर
आरोप है कि जमीनी विवाद में जिगना थाना के दरोगा शिवानंद राय ने बीजेपी बूथ प्रभारी को पकड़ कर थाने ले आये. आरोप है कि बिजेपी नेता से पुलिसवालों ने बदसलूकी की. इतना ही नहीं थाने का बरामदा और शौचालय तक साफ कराया गया, जिससे कन्हैया बिंद को सदमा लगा और उनकी 29 जुलाई 2020 को मौत हो गयी. इस मामले की शिकायत आला अधिकारियों तक पहुंची तो उपनिरीक्षक जिगना शिवानंद राय को थाने से हटाकर हलिया थाने में ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन मामला अभी तूल पकड़ा हुआ है.
वीडियो संदेश में मृतक ने लगाया आरोप
मौत से पहले का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मृतक कन्हैया विंद पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं कि हिरासत में उनसे शौचालय साफ करवाया गया. हालांकि, पुलिस ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है.
पुलिस का आरोपों से इनकार
पुलिस विभाग का कहना था कि पुलिस की प्राथमिक जांच से यह जानकारी हो रही है कि कन्हैया लाल की मृत्यु जीवन ज्योति हॉस्पिटल प्रयागराज में हुई. उनकी मौत गंभीर व पुरानी बिमारियों की वजह से हुई है. उन्हें किडनी, लंग्स और सांस लेने की बीमारी थी. इलाज के दौरान श्वसन क्रिया में बाधा पहुंचने से हार्ट अटैक हुआ और उनकी मौत हो गई. पुलिस ने जीवन ज्योति हॉस्पिटल प्रयागराज का मेडिकल प्रमाण पत्र भी सामने रखा है.