नई दिल्ली। बिहार में नीतिश कुमार अर्थात सुशासन बाबू में भ्रष्टाचार है इस कदर बेकाबू कि कहीं पुल की अप्रोच रोड उद्घाटन के पहले ही टूट ती है तो कहीं सड़क ऐसी बनी कि उद्घाटन के ठीक पहले ही बह जा रही है। कुल मिलाकर चुनावी साल में बिहार की मौजूदा हालत और हालात सुशासन बाबू समेत गठबंधन के तमाम घटक दलों के लिए अच्छे संकेत देते नजर नही आ रहे हैं। मगर हद की बात ये है कि बावजूद इसके वो सभी इस पर गौर नही फरमा रहे हैं। जिससे जनता में दिन ब दिन आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।
गौरतलब है कि बिहार के बैकुंठपुर में सारण बांध टूटने की वजह से बंगरा घाट मेगा ब्रिज की अप्रोच रोड टूटी है। इस पुल की लागत 509 करोड़ रुपये है। वहीं, एक महीना पहले 15 जुलाई को गोपालगंज के जिस सत्तरघाट पुल की अप्रोच रोड टूटी था उसकी कीमत 264 करोड़ थी। दरअसल बिहार के छपरा जिले में पुल तक पहुंचने वाली सड़क मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उद्घाटन से पहले ही टूट गई। हालांकि उद्घाटन से पहले आनन-फानन में मरम्मत कार्य पूरा किया गया और नीतीश कुमार ने बुधवार को गोपालगंज के बंगराघाट पुल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन कर दिया।
बताया जाता है कि उद्घाटन सुबह 11:30 बजे होना था। इससे पहले ही मंगलवार रात करीब 12:30 पुल तक पहुंचने वाली सड़क बाढ़ के पानी में बह गई। करीब 50 मीटर सड़क टूट गई थी, जिसे आनन-फानन में ठीक किया गया और उद्घाटन से आधे घंटे पहले मरम्मत का कार्य पूरा कर दिया गया। इससे पहले 15 जुलाई को गोपालगंज में सत्तरघाट ब्रिज की अप्रोच रोड टूट गई थी। फर्क बस इतना है कि उस पुल की अप्रोच रोड नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटन करने के बाद टूटी थी। बेहद अहम और गंभीर बात ये है कि बिहार बारिश, बाढ़ और कोरोना की मार पहले से ही झेल रहा है. लेकिन विधानसभा चुनाव सिर पर है. लिहाजा, उद्घाटन समारोह की प्रक्रिया भी विधिवत चालू है। इसी कड़ी में आज (12 अगस्त) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छपरा में बंगरा घाट मेगा ब्रिज का उद्घाटन करना था, लेकिन इस पुल की अप्रोच रोड उद्घाटन से पहली ही बह गई।
बताया जा रहा है कि बैकुंठपुर में सारण बांध टूटने की वजह से बंगरा घाट मेगा ब्रिज की अप्रोच रोड टूटी है. इस पुल की लागत 509 करोड़ रुपये है। वहीं, एक महीना पहले गोपालगंज के जिस सत्तरघाट पुल की अप्रोच रोड टूटी थी उसकी कीमत 264 करोड़ थी। यानी इस बार लगभग डबल कीमत के पुल की अप्रोच रोड भी पानी का बहाव नहीं सहन कर पाई और धारा के साथ बह गई। ज्ञात हो कि सत्तरघाट पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन के दौरान ही बीते 16 जून को किया था. उद्घाटन के एक महीना बाद 15 जुलाई को पुल की अप्रोच रोड गिर गई। इस प्रोजेक्ट में पुल की लंबाई 1.44 किलोमीटर और ब्रिज के दोनों तरफ 10.15 किलोमीटर की अप्रोच रोड शामिल थी। गोपालगंज का सत्तरघाट ब्रिज 2012 से बनना शुरू हुआ था और तय समय से ज्यादा वक्त लेते हुए 2020 में जाकर तैयार हुआ। हादसे के बाद सरकार ने जांच के लिए एक टीम गठित की थी।
दरअसल चुनावी साल होने की वजह से जहां सरकार लगातार नए-नए पुल का उद्घाटन कर विकास का श्रेय लेने में लगी हुई है तो वहीं विपक्षी पार्टी आरजेडी सरकार की नाकामियों का मुद्दा उठाने में लगी हुई है। अब सड़क टूटा तो तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश सरकार पर हमला कर दिया। तेजस्वी ने ट्वीट किया, “नीतीश कुमार ने वर्षों से 509 करोड़ की लागत से बन रहे बंगरा घाट पुल का अभी आनन-फानन में उद्घाटन कर दिया लेकिन पुल की अप्रोच पथ टूटी हुई है। टूटे हुए पुलों, पथों और बांधों के उद्घाटन की इन्हें इतनी जल्दी क्यों है? उद्घाटन से पहले ही पथ टूटना इनके काले भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है?”
ज्ञात हो कि 509 करोड़ रुपये की लागत से बना यह बंगरा घाट महासेतु छपरा और मुजफ्फरपुर के साथ चंपारण को भी जोड़ेगा। गोपालगंज जिले में गंडक पर बना यह चौथा महासेतु है। बैकुंठपुर में बने इस बंगरा घाट महासेतु को स्वतंत्रता दिवस से पहले आम लोगों के लिए खोला जाएगा। 1506 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल को बनाने में लगभग छह साल लगे हैं। इस पुल के बनने से करीब 30 लाख की आबादी को सीधा लाभ होगा। बता दें कि बीते 16 जून को गोपालगंज जिले में ही सत्तरघाट पर बने एक छोटे पुल का अप्रोच सड़क ढह गया था। तब मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा था कि सत्तरघाट पुल में तीन छोटे ब्रिज हैं। सत्तरघाट ब्रिज से दो किलोमीटर दूर छोटे ब्रिज का अप्रोच केवल पानी के तेज बहाव से कटा है। सत्तरघाट पुल को 264 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। सत्तरघाट पुल को भी नीतीश कुमार ने ही जनता को समर्पित किया था।