नई दिल्ली. विदेश के आयात होने वाले खिलौनों को अब कड़ी मानक जांच से गुजरना होगा. इसके पीछे चीन पर लगाम लगाने की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है. सरकार गुणवत्ता मानकों को 1 सितंबर से अनिवार्य कर रही है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि एक सितंबर से आयातित खिलौने की अनिवार्य गुणवत्ता जांच के बाद ही भारत में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि सरकार चीन सहित, अन्य देशों से स्तरहीन और गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात की खेप की जांच करने के लिए स्टील, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और विद्युत मशीनरी से लेकर फर्नीचर तक 371 टैरिफ लाइनों के लिए गुणवत्ता मानकों को अनिवार्य बनाने की प्रक्रिया में है.
भारतीय मानक ब्यूरो सरकार की वह प्रमुख एजेंसी है जो संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय में गुणवत्ता मानकों को तैयार करती है. केन्द्रीय मंत्री पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि खिलौने के लिए अनिवायज़् गुणवत्ता नियंत्रण मानक एक सितंबर से लागू किया जाएगा.
आयात की खेप से नमूना लेने और गुणवत्ता जांच करने के लिए प्रमुख बंदरगाहों पर बीआईएस के कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा. उन्होंने कहा कि खिलौनों के अलावा, स्टील, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक सामान और भारी मशीनरी के साथ साथ पैकेज्ड वॉटर और मिल्क प्रॉडक्ट जैसे खाद्य पदार्थ के लिए क्यूसीएस बनने की प्रक्रिया में हैं.
बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी के अनुसार प्रत्येक उत्पाद के लिए क्यूसीएस का कार्यान्वयन संबंधित मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है. उदाहरण के लिए सोने के लिये अनिवार्य मानक जून 2021 से लागू होगा. उन्होंने कहा कि अब तक देश में 268 मानक अनिवार्य हैं और कई पाइपलाइन में हैं.
उन्होंने कहा कि नमूना लेने और बंदरगाह पर उत्पाद का परीक्षण करने के लिए प्रमुख बंदरगाहों पर बीआईएस के कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा, जो कि बंदरगाहों पर ही सामान का नमूना लेकर उसकी जांच करेंगे. मालवाहक पोत को रोका नहीं जाएगा.