- CID रिपोर्ट में है कि श्रीनगर के सेंट्रल जेल में आतंकियों का बोल बाला
- आंतकवादियों की भर्ती और संगठित करने का एक अड्डा बन गया
नई दिल्ली। जहां एक तरफ हमारी फौज लगातार आतंकियों और पाक की सेना के हमलों से जूझ रही है वहीं बेहद ही गंभीर और खौफनाक बात जम्मू-कश्मीर सीआईडी की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि प्रशासनिक रवैया ढीलढाला होने से श्रीनगर के सेंट्रल जेल में आतंकियों का बोल बाला हो गया है। CID के मुताबिक श्रीनगर की सेंट्रल जेल न सिर्फ आंतकवादियों की भर्ती और संगठित करने का एक अड्डा बन गया है, बल्कि कैदी बखूबी यहां पर एक “समानांतर प्रशासनिक” ढांचा खड़ा कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल अधिकारियों द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद स्थानीय पुलिस ने इसे नजरअंदाज किया है। रिपोर्ट में विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि वर्तमान में सेंट्रल जेल की भूमिका इतनी महत्त्वपूर्ण हो गई है कि प्रत्येक नए आतंकवादी की भर्ती केवल जेल के भीतर से मंजूरी मिलने के बाद ही होती है। इसमें कहा गया, “हालांकि इसकी अनमुति कौन देता है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।”
बेहद ही गंभीर और ध्यान देने की बात है कि पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने राज्य के अपराध जांचविभाग (सीआईडी) के महानिरीक्षक एजी मीर के निर्देशन में तैयार की गई इस रिपोर्ट को पिछले साल प्रधान सचिव (गृह) राजकुमार गोयलको भेजा था। उन्होंने जेल के भी तगड़ी चौकसी रखने की भी मांग की थी।
साथ ही छह फरवरी को लश्कर-ए-तैयब्बा के आतंकी नवीद के फरार होने के बाद हटाए गए पूर्व जेल महानिदेशक एस के मिश्रा ने रिपोर्ट के जवाब में कहा था कि वह इस मुद्दे पर लंबे समय से प्रकाश डाल रहे थे। उन्होंने कहा था कि उन्होंने राज्य गृह विभाग को पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) मुनीर खान और उप महानिरीक्षक को भेजे गए कई पत्रों में जेल की पूरी तलाशी लेने को कहा था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
इसके अलावा प्रधान गृहसचिव को भेजे गए अपने जवाब में मिश्रा ने कहा कि उन्होंने जेल की खराब बनावट का भी मुद्दा उठाया था जिससे कि कैदियों को सही से वर्गीकृत करने में दिक्कत आती है। सेंट्रल जेल श्रीनगर में स्थित है और यहां कैद हाई प्रोफाइल आतंकवादियों का इलाके के स्थानीय लोगों के साथ संपर्क है।