मुजफ्फराबाद. भारत के कड़े विरोध को धता बताते हुए पाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान में आज चुनाव करा रहा है. मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के बीच 23 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 7,45,361 वोटर 1160 पोलिंग स्टेशनों पर मतदान करेंगे. चुनाव के विरोध की आशंका के बीच पाकिस्तान ने करीब 16 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है.
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक गिलगित-बाल्टिस्तान का यह चुनाव अब तक लड़े गए चुनावों में सबसे कड़ा होने जा रहा है. गिलगित-बाल्टिस्तान में इमरान खान की पार्टी पीटीआई और विपक्षी दलों बिलावल भुट्टो की पार्टी पीपीपी तथा नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन के बीच मुख्य मुकाबला होने जा रहा है. चुनाव में कुल 330 उम्मीदवार मैदान में हैं.
गिलगित-बाल्टिस्तान का चुनाव जीतना पीएम इमरान खान और विपक्षी दलों के लिए नाक का सवाल बन गया है. यही वजह है कि तीनों ही दलों ने जीत के लिए चुनाव आचार संहिता का जमकर उल्लंघन किया. यही नहीं चुनाव आयोग को 100 नोटिस जारी करनी पड़ी. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक गिलगित में पीटीआई और पीपीपी के बीच मुख्य मुकाबला होने के आसार हैं. पीपीपी ने सभी 23 सीटों पर उम्मीवार उतारे हैं जबकि पीएमएल एन ने 21 सीटों पर प्रत्याशियों को टिकट दिया है.
गिलगित में चुनाव कराने का भारत ने किया कड़ा विरोध
भारत ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने का कड़ा विरोध किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पिछले दिनों गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की पाकिस्तान की घोषणा पर कहा था कि सैन्य माध्यम से कब्जा किए गए क्षेत्र की स्थिति में बदलाव करने के किसी कदम का कोई वैध आधार नहीं है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, सैन्य माध्यम से कब्जा किये गए क्षेत्र गिलगिट-बाल्टिस्तान की स्थिति में बदलाव करने के किसी कदम का कोई वैध आधार नहीं है और यह शुरुआत से ही अवैध है.