मॉस्को. सुपरपॉवर रूस ने परमाणु ऊर्जा से चलने वाला एक ऐसा ऑटोनॉमस ड्रोन तारपीडो तैयार किया है जो अमेरिका के शहरों में सुनामी ला सकता है. इस रूसी तारपीडो का नाम पोसाइडन है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस ड्रोन को सेना में शामिल किया था. रूसी मीडिया के मुताबिक पुतिन ने इन घातक ड्रोन तारपीड्रो का निर्माण इसलिए कराया है ताकि दुश्मन के किसी बड़े हमले की सूरत में जोरदार पलटवार किया जा सके. रूस ने वादा किया है कि वह इस महाविनाशक तारपीडो का इस्तेमाल पहले नहीं करेगा.
‘रेडियोएक्टिव सुनामी से तबाह हो सकते हैं शहर’
रूस के पोसाइडन
ड्रोन से टेंशन में आए अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री क्रिस्टोफर फोर्ड
ने आरोप लगाया है कि यह हथियार अमेरिका के शहरों को तबाह कर सकता है.
उन्होंने रूस के अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल
उठाया. फोर्ड ने शुक्रवार को कहा कि पोसाइडन एक ‘परेशान करने वाला’ हथियार
है. मेरा मानना है कि रूस का इरादा इस ड्रोन को कई मेगाटन के परमाणु वॉरहेड
के साथ फिट करने का और उसे समुद्र में लॉन्च करने का है ताकि
रेडियोएक्टिव सुनामी पैदा करके अमेरिकी शहरों को पानी के अंदर डूबो देने
का है. अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री ने कहा कि महाविनाश करने की क्षमता
के साथ पोसाइडन के काम करने के तरीके से इसको लेकर गंभीर सवाल उठ रहा है.
खुद ही परमाणु हमला कर सकता है रूसी डेड हैंड
फोर्ड ने इसी तरह की चिंता सोवियतकालीन ‘पेरीमीटर/डेड हैंड’ ऑटोमेटिक
न्यूक्लियर लॉन्च सिस्टम को लेकर भी जताई. रूस ने वर्ष 2011 में इस बात
की पुष्टि की थी कि यह सिस्टम अभी सक्रिय है. उन्होंने कहा कि यह रूसी
सिस्टम अगर यह अनुमान लगा लेता है कि रूस पर परमाणु हमला हुआ है तो वह खुद
ही फैसला लेकर परमाणु हमला कर सकता है. यही नहीं, इस दौरान पेरीमीटर का
कंप्यूटर सिस्टम जनरल स्टाफ से संपर्क भी नहीं करता है. फोर्ड ने कहा
कि अगर कोई परमाणु बम को लेकर चिंतित है तो उसे पेरिमीटर निश्चित रूप से
उसके लिए परेशान करने वाला सवाल खड़ा करता है.
रूस ने बनाए कई महाविनाशक हथियार
अमेरिका के एंटी बलिस्टिक मिसाइल संधि से हटने और पूर्वी यूरोप में एंटी मिसाइल सिस्टम तैनात करने तथा बनाने के बाद रूस ने वर्ष 2000 के आसपास कई महाविनाशक हथियारों का निर्माण शुरू किया था. रूस की चिंता अमेरिका के तेजी से विश्वभर में हमले की संकल्पना को लेकर है. इसके तहत अमेरिका अपने परंपरागत अचूक हथियारों की मदद से शत्रु पर भीषण हमला कर सकता है ताकि दुश्मन की परमाणु हमले की संभावना को ही खत्म किया जा सके. रूसी मीडिया के मुताबिक अमेरिका 1.5 ट्रिल्यन डॉलर के 30 साल के परमाणु हथियार आधुनिकीकरण कार्यक्रम पर काम कर रहा है. यही नहीं ट्रंप प्रशासन ने इस दिशा में और ज्यादा धन दिया है. अमेरिका नए रणनीतिक और समुद्र से दागे जाने वाले परमाणु हथियार बना रहा है.