लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अब अपनी गाडिय़ों पर जाति सूचक शब्द या धर्म लिखवाने वालों की खैर नहीं है. राज्य के अपर परिवहन आयुक्त ने आदेश दिया है कि जिन वाहनों पर जातिसूचक या धर्मसूचक शब्द पाए जाते हैं, उनके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा और उनकी कार तथा बाइक जब्त कर ली जाएगी.
दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजनीति तथा सामाजिक व्यवस्था में जाति समीकरण काफी अहम माना जाता है. इसके अलावा कई लोग जाति और धर्म से अपने भौकाल को जोड़कर देखते हैं. इसकी झलक उत्तर प्रदेश में दोपहिया और चारपहिया वाहनों पर देखने को मिलती है. इसलिए लोग अपनी गाडिय़ों में जाट, यादव, गुर्जर, क्षत्रिय, राजपूत, ब्राह्मण, मौर्य जैसी जातियां अपनी गाड़ी पर लिखवा लेते हैं.
हालांकि अब ऐसा करने वालों की खैर नहीं है. ऐसा करने वालों पर योगी सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. यूपी सरकार ने ऐलान किया है कि जिनकी गाडिय़ों में जातिसूचक स्टीकर लगा मिलता है, उनकी गाडिय़ों को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी. ऐसे वाहन मालिकों का चालान भी काटा जायेगा.
प्रदेश के सभी जि़लों के परिवहन अधिकारियों को इस बारे में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. केंद्रीय परिवहन विभाग के निर्देश के बाद ये दिशानिर्देश दिये गए हैं. बता दें कि महाराष्ट्र के एक शिक्षक हर्षल प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र लिखा था.
इस पत्र में उन्होंने लिखा था कि उत्तर प्रदेश में दौड़ रहे जातिवादी वाहन सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा हैं. अपने खत में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इन्हें बंद करने की अपील की थी. इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह शिकायत उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को भेजी थी. इसके बाद ही इस मामले को संज्ञान में लेकर अपर परिवहन आयुक्त ने यह आदेश जारी किया.
अब यदि गाडिय़ों पर जाति सूचक शब्द होगी तो धारा 177 के तहत चालान करने या गाड़ी सीज करने की कार्रवाई की जाएगी.