लखनऊ. उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के मेंहदावल भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल को कोर्ट में पेशी से बचने के लिए कोरोना संक्रमण की झूठी रिपोर्ट लगाना भारी पड़ गया है. फर्जी रिपोर्ट बनाने के मामले में कोर्ट के आदेश पर राकेश सिंह बघेल और संत कबीर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है. दोनों के खिलाफ मामला शनिवार को कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया.
न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपांत मणि के एक आदेश के अनुसार एक मामले में विधायक से जब कोर्ट ने उनकी अनुपस्थिति के बारे में पूछा तो उन्होंने कोविड-19 की नकली रिपोर्ट पेश की. पिछले 4 साल से विधायक के कोर्ट में पेश न होने के कारण इस मामले में अदालत की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है. इसे लेकर कोर्ट ने विधायक को तलब किया, तो उन्होंने नकली कोविड रिपोर्ट पेश कर दी.
अदालत के समक्ष प्रस्तुत सीएमओ की रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड-19 का निजी तौर पर परीक्षण कराने के बाद विधायक होम आइसोलेशन में हैं. हालांकि होम आइसोलेशन टीम के सदस्य डॉ विवेक कुमार श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि होम आइसोलेशन के दौरान, विधायक घर पर मौजूद नहीं थे और फोन पर भी उपलब्ध नहीं थे.
खलीलाबाद कोतवाली के प्रभारी मनोज कुमार पांडे ने कहा कि अदालत के आदेश पर विधायक राकेश सिंह बघेल और सीएमओ डॉ हरगोविंद सिंह के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गौरतलब है कि साल 2010 में मौजूदा मेंहदावल विधायक राकेश सिंह बघेल जब बघौली ब्लॉक के प्रमुख थे. उसी समय उनके खिलाफ जिले के बखिरा थाने में हत्या के प्रयास और लोक सम्पत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था. मामला कोर्ट में चल रहा था जिसमें विधायक उपस्थित नहीं हो रहे थे, इस मामले में कोर्ट ने जब उनके खिलाफ समन आदि की कार्यवाही की तब उन्होंने कोर्ट की कार्यवाही से बचने के लिए कोरोना संक्रमित होने की फर्जी रिपोर्ट लगाकर कोर्ट को गुमराह किया.