नई दिल्ली. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच भारत के नेशनल काउ कमीशन ने लोगों को एक गजब की सलाह दी है. उसने गाय के गोबर से बनी नेचुरल गैस सीएनजी का उपयोग करने का सुझाव दिया है, जोकि सस्ती और मेड इन इंडिया गैस है. आयोग ने एक दस्तावेज में यह सलाह 25 फरवरी को होने वाली काउ साइंस एग्जाम के लिए अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है. राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) ने एक पहल के तहत वाहनों के लिए सीएनजी पंपों, बैल वीर्य बैंकों और गौ पर्यटन के लिए दिया है. आयोग ने ऐसा कदम गौ उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया है.
नेशनल काउ कमीशन का कहना है कि आयोग के कई वेबिनार में गाय उद्यमिता की अवधारणा पर चर्चा हुई है. आरकेए ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि दुनिया भर के कई उद्यमियों ने नई-पुरानी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इन सदाबहार संभावनाओं को तलाशना शुरू कर दिया है.
आरकेए का कहना है कि बायोगैस का उपयोग फ्यूल के रूप में लंबे समय से किया जा रहा है. उन्हें सिलेंडर में भरा जाता है और खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. गोबर से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग परिवहन में भी किया जा सकता है. इसे बड़े पैमाने पर उत्पन्न करके, कोई सीएनजी पंप स्थापित कर सकता है. परिवहन उद्योग को भारत में बना सस्ता और आसानी से उपलब्ध फ्यूल उपलब्ध होगा.
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 89.29 रुपए और डीजल की कीमत 79.70 रुपए प्रति लीटर है. भारत के अन्य हिस्सों, जैसे कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में कीमत पहले ही 100 रुपए प्रति लीटर से अधिक हो चुकी है. केंद्र सरकार के पशुपालन विभाग के अंतर्गत आने वाले आयोग ने दावा किया कि गाय के गोबर से भारी मुनाफा हो सकता है और व्यापार के आकर्षक अवसर मिल सकते हैं. बैल के लिए वीर्य बैंकों एक आकर्षक व्यवसाय का अवसर हो सकता है. उन्होंने कहा कि गाय पालने वाले और उद्यमी उच्च गुणवत्ता वाले पेडिग्री बैल को पसंद करते हैं और उन्हें खरीदने के लिए अच्छी राशि का भुगतान करते हैं.