नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामलों में एक बार फिर से अप्रत्याशित उछाल आना न सिर्फ चौंकाने वाला है बल्कि बेहद ही गंभीर और चिंताजनक भी हैं। जिसके चलते जहां कई राज्यों में एक बार फिर से लॉकडाउन के हालात पैदा होने लगे हैं तो कई राज्यों ने कोरोना वाले मामलों के राज्यों के लोगों के आने पर फिर से सख्ती बरतते हुए कोरोना जांच रिपोर्ट के बिना एन्ट्री तकरीबन बंद करना शुरू कर दी है। वहीं लगातार बिगड़ते हालातों को देखत हुए आखिरकार फिर इस बार कमान केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सम्हालनी पड़ी है। जबकि महाराष्ट्र और केरल समेत मध्य प्रदेश तथा पंजाब आदि राज्यों में हालात काफी गंभीर होते नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी आने लगी है और इसे देश में संक्रमण के दूसरे लहर की आहट के तौर पर देखा जा रहा है। महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में कई इलाकों में लॉकडाउन जैसे हालात हो गए हैं तो अब दूसरे राज्यों ने भी इन्हें अलग-थलग करना शुरू कर दिया है। पड़ोसी राज्यों ने आने-जाने वालों पर नियम और शर्तें लगानी शुरू कर दी हैं। कुछ ने चेक पोस्ट लगा दिए हैं तो कुछ निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही लोगों को आने की अनुमति दे रहे हैं।
गुजरात सरकार ने पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा पर चेक पोस्ट लगाकर इन राज्यों से आ रहे लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। इन दोनों राज्यों से आने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही है कि कहीं उनमें कोरोना का कोई लक्षण तो नहीं है। बिना लक्षण वाले लोगों को ही राज्य में आने की अनुमति दी जाएगी। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद, बेतुल, सिवनी, छिंदवारा, बालाघाट, बरवानी, खंडवा, खरगांव, बुरहानपुर, अलीराजपुर और महाराष्ट्र की सीमा से सटे जिलों के कलेक्टरों से ड्रिस्ट्रक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी की बैठक बुलाने को कहा है।
उधर, कर्नाटक ने पहले ही महाराष्ट्र और केरल से आने वाले लोगों के लिए निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट की अनिवार्यता की घोषणा कर दी थी। अब कलबुर्गी जिला प्रशासन ने महाराष्ट्र जाने वालों के लिए अडवाइजरी जारी की है। जिले में महाराष्ट्र सीमा पर पांच चेक पोस्ट लगाए गए हैं। महाराष्ट्र से कर्नाटक आ रहे लोगों को यहां निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखानी होती है। कर्नाटक ने यही नियम केरल से आने वाले लोगों के लिए भी लागू किया है।
इस बीच केरल के सीएम पी विजयन ने कर्नाटक की ओर से कई सीमाओं को बंद करने पर नाराजगी जाहिर की है। विजयन ने सोमवार को कहा कि केरल से कर्नाटक जाने वाले कई बॉर्डर रोड्स को बंद करने का मामला केंद्र सरकार के सामने उठाया जाएगा। विजयन ने कहा कि कर्नाटक के डीजीपी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जरूरी सामानों को ले जाने वाले वाहनों को इस नियम से छूट दी जाएगी।
वहीं हालातों के गंभीर होने के मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाल लिया है। अमित शाह ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और कुछ प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक कर मौजूदा स्थिति के बारे में चर्चा की है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा कि गृह मंत्री ने देश में कोरोनो वायरस की स्थिति का जायजा लिया, खासकर उन राज्यों में जहां हाल ही में नए मामलों में तेजी देखने को मिली है।
अधिकारी ने कहा इसके साथ-साथ बैठक में टीकाकरण अभियान और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जा रहे आवश्यक कदमों पर चर्चा की गई। वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा कि बैठक में कोरोना प्रभावित राज्यों को दी जाने वाली संभावित सहायता पर भी चर्चा की गई। बता दें कि महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना के नए मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। इसमें महाराष्ट्र टॉप पर है।
बता दें कि महाराष्ट्र पिछले तीन दिनों से लगातार 6000 से अधिक केस सामने आए हैं। कोरोना के नए मामलों मे तीजे के बाद राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार ने राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में जमावड़े पर रोक लगा दी है। इसके अलावा अमरावती जिले में आज से एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन भी लगा दिया गया है।
जबकि वहीं महाराष्ट्र में लगातार बिगड़ते हालातों को देखते सरकार और प्रशासन ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है जिसके तहत जहां मुंबई के अंधेरी वेस्ट में वीरा देसाई रोड पर कुछ रेस्तरां और पब के खिलाफ कल रात कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज की गई है। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने ये जानकारी दी है।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। अब राज्य में 12 घंटे का कर्फ्यू लागू करने पर विचार हो रहा है। राज्य के राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वाडेट्टीवार ने रविवार को कहा कि जल्दी ही इस संबंध में सरकार की ओर से फैसला लिया जा सकता है।
यही नहीं शादियों में 50 से ज्यादा लोगों के पहुंचने पर 1 लाख रुपये तक का फाइन भी लगाने पर विचार हो रहा है। विजय वाडेट्टीवार ने कहा, ‘महाराष्ट्र के कई जिलों में कोरोना वायरस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके चलते सभी जिलाधिकारियों को कोरोना से निपटने के लिए नियमों को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए गए हैं। उन्हें कोरोना से निपटने के लिए अपने स्तर पर सख्त नियम लागू करने के अधिकार भी दिए गए हैं।’
मंत्री ने कहा, ‘नागपुर, अमरावती, यवतमाल जैसे जिलों में कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा होने के बाद महाराष्ट्र सरकार नाइट कर्फ्यू लगाने पर विचार कर रही है। सीएम उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में जल्दी ही मीटिंग होगी, जिसमें इस पर फैसला लिया जा सकता है।’ यह कर्फ्यू देर रात से नहीं बल्कि शाम 5 बजे से ही लागू होगा और अगले दिन सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा। इस तरह महाराष्ट्र में 12 घंटे के कर्फ्यू की आशंका है। दरअसल बीते कुछ दिनों में महाराष्ट्र के कई जिलों में तेजी से कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। शनिवार को राज्य में कोरोना के 6,281 नए केस सामने आए हैं, जबकि 40 लोगों की मौत हो गई। बीते 24 घंटे में इन आंकड़ों के सामने आने के बाद से महाराष्ट्र सरकार बेहद सतर्क है।
ज्ञात हो कि पिछले एक साल से कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया भर में जारी है। भारत, अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देशों में कोरोना का टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। कई देशों में लॉकडाउन हटाने के बाद हालात बिगड़ गए, जिसके बाद फिर से पाबंदियां लागू की गईं। वहीं भारत में कोविड टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद संक्रमण ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में हालत भयावह होने पर पाबंदियां लगाईं जा रहीं हैं।
बेहद ही गंभीर बात ये है कि देश में लगातार पांचवें दिन उपचाराधीन मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में कोरोना के 14,199 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1.10 करोड़ से ज्यादा हो गया है। वहीं इस अवधि में 83 लोगों की कोरोना वायरस से जान गई है, जिसके बाद कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,56,385 पहुंच गई है। कोरोना संक्रमण में तेजी को देखते हुए सख्त पाबंदियों का सिलसिला एकबार फिर शुरू हो गया है।