योगी सरकार ने अपना आखिरी बजट सोमवार को यूपी विधानमंडल में पेश कर दिया। सरकार ने जहां साढ़े पांच लाख करोड़ के अब तक के सबसे बड़े इस बजट को सभी वर्गों के लिए समर्पित बताया है वहीं विपक्ष की ओर से इस पर काफी नकारात्मक प्रतिक्रियाएं आई हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक सिरे से बजट को नकार दिया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने दो ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार का बजट भी केंद्र सरकार के बजट की तरह ही है। यह बजट प्रदेश में बेरोजगारी की क्रूरता दूर नहीं कर सकता। यह अति-निराश करने वाला है। केंद्र सरकार की तरह उत्तर प्रदेश के बजट में भी जनता को वायदों के साथ हसीन सपने दिखाने का प्रयास किया गया है। यूपी की लगभग 23 करोड़ जनता के विकास की लालसा की तृप्ति के मामले में यूपी सरकार का रिकार्ड केंद्र और यूपी में एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद भी वायदे के अनुसार संतोषजनक नहीं रहा। खासकर गरीबों, कमजोर वर्गों और किसानों की समस्याओं के मामले में भी उत्तर प्रदेश सरकार का यह बजट अति-निराशाजनक है।
वहीं प्रयागराज दौरे पर गए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह बजट सभी वर्ग को धोखा देने के साथ ही पूंजीपतियों को लाभ देने वाला है। उन्होंने कहा कि बजट के जरिए सरकार ने एक बार फिर किसानों के साथ धोखा किया है। सरकार सिर्फ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रही है। सरकार किसानों को फसल की एमएसपी नहीं दे पाई। किसानों के सामने आज भी संकट है। किसान परेशान हैं। देश में डीजल-पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं। सपा के मुखिया ने कहा कि प्रदेश में गंगा नदी तो साफ नहीं हुई बजट साफ हो गया। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में हर वर्ग परेशान है। भाजपा ने देश में हमेशा नफरत ही फैलाई है। बजट में झूठ बोला जा रहा है। सरकार ने किसानों, युवाओं के लिए कुछ नहीं किया। सरकार बस उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के लिए ही यह काम कर रही है। प्रदेश सरकार का अंतिम बजट आज पूरा हो गया है। यह पांचवां बजट था। अब उनके पास करने को कुछ नहीं है। अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर हर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू की जाएंगी।
पेपरलेस के साथ रोजगार लेस भी है बजट
वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व
कैबिनेट मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा कि इससे पहले के भी चार बजट में कोई
विकास कार्य नहीं दिखा है। इस बजट में पेट्रोलियम की बढ़ती कीमतों को लेकर
कुछ नहीं बताया गया। यह बजट पेपरलेस के साथ रोजगार लेस भी है। इसमें यह
बताया नहीं गया कि किसानों का कितना बकाया है। अगर अधिक बकाया है तो फिर
उसको कैसे दिया जाएगा। यह धोखा देने वाला बजट है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि
पेपरलेस बजट पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बजट आईपैड में 30 मिनट बाद
लोड हुआ। उन्होंने कहा कि बजट से स्पष्ट हो गया है कि महंगाई तभी काबू
में आएगी जब यह सरकार हटेगी।