अगर आप कोरोना से संक्रमित हैं और घर पर ही आइसोलेशन में हैं तो हो सकता है कि आपको कभी कभी सांस में तकलीफ की शिकायत होती हो. ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है.आपके लिए बहुत ही सरल उपाय है जिसकी मदद से आप खुद को इस समस्या से उबार सकते हैं. इसके लिए ना तो आपको किसी दवा या ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत होगी और ना ही किसी के मदद या जुगाड़ की. आपको बस उल्टा लेटना होगा और गहरी सांस लेनी होगी. दरअसल यह एक बेहद पुरानी तकनीक है जिसे प्रोनिंग पोजीशन कहते हैं. इसके फायदे को देखते हुए भारत सरकार हेल्थ मिनिस्ट्री ने भी अपने वेबसाइट और ट्वीटर पेज पर लोगों के साथ इससे संबंधित जानकारियां शेयर की है. बता दें कि देश के तमाम बड़े अस्पतालों में इन दिनों ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे में ये तकनीक लोगों को काफी फायदा पहुंचा रही है.
क्या है प्रोनिंग पोजीशन
मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रोनिंग पोजीशन कोरोना के उन मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो रहा है जो होम आइसोलेशन में हैं. इसकी मदद से कोरोना संक्रमित मरीजों के ब्लड में हो रहे ऑक्सीजन की गिरावट को तुरंत ठीक किया जा सकता है. हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल (SPO2) 94 या उससे कम हो रहा हो तो वे घर पर ही इस तकनीक का प्रयोग कर सकते हैं.
किन चीजों की पड़ती है जरूरत
इसके लिए आप 4 से 5 तकिया लें. एक तकिया गरदन के नीचे, एक से दो तकिया छाती से लेकर अपर थाई तक रखें और दो तकिया लोअर लेग यानी पंजों के निचले हिस्से में रखें.
कितने देर के लिए करें
इसके लिए चार से पांच तकिया लें और उल्टा लेट जाएं
आधे घंटे से लेकर 2 घंटे तक पेट के बल लेट सकते हैं.
इसके बाद आधे घंटे से लेकर 2 घंटे तक दाहिने करबट लेटें.
इसके बाद आधे घंटे से लेकर 2 घंटे तक सिटिंग पोजीशन में रहें.
इसके बाद आधे घंटे से लेकर 2 घंटे तक दाहिने करबट लेटें.
इसके बाद दुबारा से पेट के बल लेटें. हालांकि बेहतर होगा कि आप आधे आधे घंटे में ही अपना पोजीशन बदलते रहें.
कब ना करें
खाने के कम से कम 1 घंटे बाद करें.
जब तक कम्फर्टेबल लगे तभी तक इस पोजीशन में रहें.
प्रेगनेंसी में इस पोजीशन का प्रयोग ना करें.
48 घंटे के बाद भी दिक्कत हो तो डॉक्टर की सलाह लें.
मेजर कार्डियक प्रॉब्लम हो तो ना करें.
स्पाइनल कॉड में इंज्यूरी, पेल्विक फ्रैक्चर आदि हो तो ना करें.