नई दिल्ली. खाद्य कानून के तहत लाभार्थियों को सही मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल उपकरणों को इलेक्ट्रॉनिक तराजू के साथ जोड़े जाने को बढ़ावा देने के लिए खाद्य सुरक्षा कानून नियमों में संशोधन कर दिया है. सरकार ने लाभार्थियों के लिए अनाज तौलते समय राशन की दुकानों में पारदर्शिता बढ़ाने और नुकसान को रोकने के के उद्देश्य से यह कदम उठाया है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार देश के करीब 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल (खाद्यान्न) क्रमश: 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्रदान कर रही है.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने एनएफएसए 2013 के तहत लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार सब्सिडी वाले खाद्यान्नों का वितरण सही मात्रा में वितरण सुनिश्चित करने के लिए 18 जून 2021 को एक अधिसूचना जारी की.”
सरकार ने कहा कि ईपीओएस उपकरणों को उचित तरीके से संचालित करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने और 17.00 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त मुनाफे से बचत को बढ़ावा देने के लिए खाद्य सुरक्षा (राज्य सरकार की सहायता नियमावली) 2015 के उप-नियम (2) के नियम 7 में संशोधन किया है.
कैसे होगी EPOS की सेल
बयान में कहा गया, ‘‘पॉइंट ऑफ़ सेल डिवाइस की खरीद, संचालन और रखरखाव की लागत के लिए प्रदान किए गए अतिरिक्त मार्जिन से किसी भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा अर्जित कोई भी बचत यदि होती है, तो इसे इलेक्ट्रॉनिक तौल तराजू की खरीद, संचालन एवं रखरखाव के साथ दोनों के एकीकरण के लिए उपयोग में लाया जा सकता है.’’