देहरादून/उत्तरकाशी। उत्तराखण्ड में जारी बारिश के चलते जहां तमाम नदियां और गदेरे पूरे उफान पर आते जा रहे हैं वहीं इनके उफान पर आने से वहां के निवासी काफी घबरा रहे हैं। क्यों कि गदेरों और नदियों के उफान पर आने और भारी बारिश के चलते जनजीवन न सिर्फ अस्त व्यस्त हो चला है बल्कि लोगों के लिए लगातार खतरा बना हुआ है। वहीं कई इलाकें से लोगों के मलबे में दब जाने की खबर है तो उत्तरकाशी में एक बार फिर बादल फटने से अचानक उफान पर आए गदेरे ने इलाके के कुछ मकान ढहा दिए जिनके मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में बारिश के बाद पहाड़ों पर नदियां समेत गाड़-गदेरे उफान पर आ गए। जिसके चलते ग्राम मांडों, कंकरडी व निरकोट में अतिवृष्टि से आवासीय घरों में पानी घुस गया। साथ ही गदेरा उफान पर आने से तीन लोग मलबे में फंसकर घायल हो गए। एसडीआरएफ व आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने गणेश बहादुर पुत्र काली बहादुर, रविन्द्र पुत्र गणेश बहादुर, रामबालक यादव पुत्र मकुर यादव को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया। घायलों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार तीनों खतरे से बाहर हैं।
बताया जाता है मांडो गांव में नौ मकानों में पानी घुस गया। जबकि दो मकान पूरी तरह से धवस्त हो गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार, क्षेत्र में तीन लोग मलबे में दबे हुए हैं। एसडीएम भटवाड़ी देवेंद्र नेगी ने बताया कि मांडो गांव में गदेरे के उफान पर आने से दो मकान ध्वस्त हुए हैं। एक ही परिवार के तीन लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। सर्च ऑपरेशन जारी है। कई जगहों पर वाहनों के बहने की भी सूचना है।
बताया जाता है घटना की सूचना मिलने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने डीएम को राहत और बचाव कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर कराने के निर्देश दिए हैं। रविवार शाम उत्तरकाशी जनपद के ग्राम कंकराड़ी, मांडों में अतिवृष्टि/बादल फटने की दुःखद घटना हुई है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस मौके पर पहुँच गयी है। डीएम को राहत और बचाव कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर करने के निर्देश दिए हैं। ईश्वर से प्रभावितों की कुशलता की कामना करता हूँ।
इसके साथ ही बताया जाता है कि मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और पौड़ी जैसे जिलों में अत्यंत भारी बारिश की संभावना है। राज्य के बाकी हिस्सों में भी भारी से बहुत भारी बारिश के आसार है। मौसम विभाग की ओर से ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी दून और जिले के तमाम इलाकों में भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने आपदा प्रबंधन विभाग के साथ ही राजस्व, पुलिस, सिंचाई, लोक निर्माण समेत तमाम विभाग के अधिकारियों को भी अलर्ट रहने को कहा है।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को हिदायत दी है कि किसी प्रकार की आपदा की जानकारी मिलती है तो अधिकारी न सिर्फ तत्काल मौके पर पहुंचे, वरन आपदा राहत से जुड़े तमाम कार्यों को तेजी से कराया जाए। कहा कि यदि किसी भी स्तर पर शिथिलता बरती गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
रायवाला में सबसे अधिक 120 मिमी बारिश- जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक ऋषिकेश जिले के रायवाला में सबसे अधिक 120 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं, ऋषिकेश में 105.2 मिलीमीटर, मोहकमपुर में 80, यूकॉस्ट में 43, मसूरी में 70, सहसपुर में 43, नागथात क्षेत्र में 12.5 और कालसी में 2.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
ऋषिकेश में 337.89 मीटर पहुंचा गंगा का जलस्तर- केंद्रीय जल आयोग के केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष हिमालयन गंगा डिवीजन की ओर से दिए गए आंकड़े के मुताबिक राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते गंगा का जलस्तर रविवार को 337.89 मीटर पहुंच गया। ऐसे में गंगा खतरे के निशान 340.50 मीटर से थोड़ा नीचे ही बह रही हैं। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के मुताबिक डाकपत्थर में यमुना नदी का जलस्तर 455.03 मीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से सिर्फ 34 सेंटीमीटर कम है।