आजमगढ़. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों को देखते हुए अब राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह से सक्रिय हो गई हैं. कभी सपा, कभी आप तो कभी बीजेपी एक दूसरे पर हमलावर होते दिख रहे हैं. लेकिन सोमवार को शहर में बीजेपी ने जो किया वो चर्चा का विषय बन गया. भाजपाइयों ने सोमवार को पूरे आजमगढ़ शहर में सांसद अखिलेश यादव के लापता होने के पोस्टर लगा दिए. उल्लेखनीय है कि इससे पहले समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भी लापता होने के पोस्टर पूरे शहर में लगा दिए थे. गौरतलब है कि अखिलेश यादव 2019 का लोकसभा चुनाव आजमगढ़ सीट से ही जीते थे और सांसद बने थे.
सांसद बनने के बाद अखिलेश यादव ने आजमगढ़ जिले की चार यात्राएं की हैं लेकिन हर बार वे निजी या पार्टी के कार्य से यहां आए हैं. जिले में आम आदमी की समस्या को कथित तौर पर नजरअंदाज करने की बात को लेकर अब लोगों में काफी गुस्सा है. 2020 में सीएए और एनआरसी को लेकर बिलरियागंज में बवाल हुआ लेकिन अखिलेश यादव कुछ नहीं बोले, इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें ट्वीटर वाला नेता बताते हुए गुमशुदगी का पोस्टर लगा दिया था. हालांकि सपा कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया था.
बीजेपी ने पकड़ी नब्ज
अब पूरे आजमगढ़ में जलजमाव की समस्या है, लोग इससे काफी परेशान हैं. लेकिन अखिलेश ने आपराधिक घटनाओं को लेकर तो ट्वीट किया लेकिन लोगों की समस्या पर वे कुछ नहीं बोले. इस बात को बीजेपी ने पकड़ लिया और सोमवार को पूरे शहर में लापता सांसद की तलाश का पोस्टर लगा दिया. इसके बाद राजनीतिक गलियारे गर्मा गए और हर तरफ बस इन पोस्टरों की चर्चा होने लगी. जहां एक तरफ सपा ने इसका कड़ा विरोध किया वहीं बीजेपी ने अखिलेश यादव को आड़े हाथ लेकर कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र को ही भूल गए हैं. हरिबंश मिश्र का कहना है कि अखिलेश यादव आजमगढ़ के सांसद हैं लेकिन उन्होंने एक बार भी जनता की सुध नहीं ली. आज जनता जल जमाव की समस्या से जूझ रही है लेकिन वे आजमगढ़ आने के बाद भी बाढ़ क्षेत्र में नहीं गए. वे सांसद बनने के बाद सिर्फ आजमगढ़ में तेरही खाने आते हैं. जनता और विकास से उनका कोई लेना देना नहीं है.