लखनऊ. पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 2 लाख का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने यह फैसला चित्रकूट की महिला से गैंगरेप और उसकी बेटी के साथ रेप के प्रयास में दोषी ठहराए जाने के बाद सुनाया है. सजा सुनते ही गायत्री फूट-फूटकर रोने लगा.
वहीं, मामले में आरोपी गायत्री के दोनों साथियों आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा मिली है. तीनों दोषियों को जेल से लाकर विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय के सामने पेश किया गया है. दो दिन पहले (10 नवंबर) ही तीनों को दोषी ठहराया गया था. गायत्री प्रसाद सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री था.
अक्टूबर 2014 से जुलाई 2016 तक गैंगरेप का आरोप
पीडि़त महिला ने बताया था कि 2013 में चित्रकूट में गंगा आरती के कार्यक्रम में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति से एक काम के सिलसिले में मिली थी. उसे उसके एक करीबी ने गायत्री से मिलवाया था. इसके बाद गायत्री प्रजापति के लखनऊ आवास पर आने-जाने लगी. उसके साथ अक्टूबर 2014 से जुलाई 2016 तक गैंगरेप किया गया. मंत्री के डर के कारण वह चुप रही. मगर जब आरोपियों ने उसकी बेटी से छेड़छाड़ की कोशिश की तो वह बर्दाश्त नहीं कर सकी. 18 फरवरी 2017 को उसने केस दर्ज कराया था. नाबालिग से रेप की कोशिश में दोषियों पर पॉक्सो एक्ट भी लगा था. पॉक्सो एक्ट में अधिकतम सजा के लिए उम्रकैद या मृत्युदंड का प्रावधान है. गायत्री प्रजापति 15 मार्च 2017 से जेल में है.
2 पॉइंट में समझिए कब क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने पीडि़ता की याचिका पर गायत्री प्रजापति समेत 7 अभियुक्तों के खिलाफ स्नढ्ढक्र दर्ज करने के आदेश दिए थे. पीडि़ता ने आरोप लगाया था कि 2014 में गायत्री के आवास पर उसके साथ गैंगरेप हुआ था. 18 फरवरी, 2017 को थाना गौतमपल्ली (लखनऊ) में गैंगरेप, जान से मारने की धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. इस दौरान गायत्री समेत सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. गायत्री 15 मार्च, 2017 से जेल में है. 18 जुलाई, 2017 को पॉक्सो की विशेष अदालत ने गायत्री समेत सभी 7 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए. बाद में सुनवाई रूक्क-रूरु्र की विशेष अदालत को सौंप दी गई.