नई दिल्ली. संसद का विंटर सेशन आज समाप्त हो गया. लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही तय समय से एक दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई. विंटर सेशन 29 नवंबर को शुरू हुआ, जो 23 दिसंबर तक शेड्यूल्ड था. बताया जा रहा है कि दोनों सदनों में लगातार जारी हंगामे के चलते सत्र को जल्दी समाप्त करने का फैसला लिया गया.
विपक्षी सांसदों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े सहित विपक्षी नेताओं ने निलंबित सांसदों के साथ भारत के संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. इन्होंने संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने राष्ट्रगान भी गाया. विपक्षी नेताओं ने 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के विरोध में यह कदम उठाया.
संसद न चलने को लेकर कांग्रेस का सरकार पर हमला
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि यह जो शीत सत्र शुरू हुआ वह निलंबन के साथ शुरू हुआ. जिस दिन सदन शुरू हुआ उसी दिन हमारे 12 सदस्यों को निलंबित किया गया. ये ऐसे 12 सदस्य हैं जो हमेशा राज्यसभा में सक्रिय रहते हैं. घटना मानसून सत्र में हुई थी और कार्यवाही शीत सत्र में कई गई. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदन चलाने का हमारा इरादा था, लेकिन जब टेनी साहब का मामला आया तो हमने सरकार से सवाल किया. नैतिकता के आधार पर अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करना चाहिए था. सरकार ने सदन में बहुमत के बुलडोज के सहारे विपक्ष को दबाया और सदन को ठप्प करने का तनाव पैदा किया.
हंगामे के बीच पास हुए बिल
विपक्ष के हंगामे के बावजूद सदनों में कुछ अहम बिल पास हुए. वोटर ढ्ढष्ठ को आधार कार्ड से जोडऩे वाला बिल मंगलवार को राज्यसभा में पास हुआ. बिल के खिलाफ विरोध जताते हुए विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया, जबकि तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने रिपोर्टर्स की टेबल पर रूलबुक फेंक दी, जिसके बाद उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया.
चुनाव कानून संशोधन विधेयक को लेकर भारी हंगामा हुआ
चुनाव कानून संशोधन विधेयक, 2021 संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है. इसमें मतदाता सूची से दोहराव को समाप्त करने के प्रावधान हैं. सदन में विपक्ष ने इस बिल का भी भारी विरोध किया था. विपक्षी नेताओं ने इसके खिलाफ सदन में नारेबाजी की और वेल में चले आए. इनकी मांग थी कि बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए. आखिरकार बिल का समर्थन करने वाले कई दलों के सदस्यों के साथ एक घंटे की चर्चा के बाद यह पास हुआ.
राज्यसभा के निलंबित 12 सांसदों को लेकर विपक्ष अड़ा
विंटर सेशन पहले दिन से ही हंगामेदार रहा. राज्यसभा के निलंबित 12 सांसदों के मामले को लेकर विपक्ष लगातार अड़ा रहा. विपक्षी नेताओं का कहना था कि यह निलंबन असंवैधानिक है. निलंबित सांसद भी हर दिन संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास धरना दे रहे. मालूम हो कि राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने मानसून सत्र के दौरान इन सांसदों को अनियंत्रित व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया था.
कांग्रेस के 6, टीएमसी, शिवसेना और लेफ्ट के 6 सांसद सस्पेंड
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने निलंबित सांसदों के नाम की घोषणा की. इनमें कांग्रेस के 6 सांसद- फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह शामिल हैं. ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से डोला सेन और शांता छेत्री को सस्पेंड किया गया है. इसके अलावा शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई शामिल हैं. वहीं सीपीएम के एलाराम करीम और सीपीआई के बिनॉय विश्वम भी निलंबित होने वाले सांसदों की लिस्ट में शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग कर रहा विपक्ष
विपक्ष लखीमपुर खीरी केस में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग करता रहा. विपक्ष का आरोप है कि सरकार टेनी को बचा रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी टेनी के इस्तीफे का मुद्दा लगातार उठाया. उनका कहना था कि केंद्र इस पर चर्चा से भाग रहा है. टेनी के इस्तीफे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई.