लखनऊ। एक तरफ प्रदेश में छेड़खानी और रेप वो भी गैंग रेप जैसी घटनाओं पर लगाम लगा पाने में पुलिस हाल फिलहाल पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है वहीं इस पर तुर्रा यह है कि घटना होने पर भी वह ऐसी गंभीर घटनाओं में भी लीपापोती करने से बाज नही आ रही है इसकी हद तो तब देखने को मिली जब खाकी ने अपने ही विभागीय कर्मी की नाबालिग नातिन के साथ हुए गैंग रेप की घटना को भी महज छेड़खानी के तहत दर्ज किया। जिससे साफ पता चलता है कि जब प्रदेश पुलिस अपनों पर ही नही करती कोई रहम तो फिर औरों पर क्या करती होगी करम।
गौरतलब है कि ताजा मामला शाहजहांपुर का है। जहां पुलिस विभाग में तैनात सब इंस्पेक्टर की नाबालिग नातिन के साथ कुछ दरिंदों ने गैंगरेप किया। वहीं पुलिस ने इस गैंगरेप के संगीन मामले को महज छेड़छाड़ मान अपने कर्तव्यों की इति श्री कर ली।
मिली जानकारी के मुताबिक छात्रा घर से कोचिंग के लिए जा रही थी। रास्ते में दो युवकों ने अवैध हथियारों की नोक पर अपहरण कर लिया। दोनों युवक उसको एक सुनसान स्थान पर ले गए। युवकों ने हत्या कर देने की धमकी देकर छात्रा के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। डरी-सहमी छात्रा को मुंह न खोलने की हिदायत देकर दोनों युवक फरार हो गए। छात्रा में घर पर पहुंचकर आप बीती सुनाई।
जिस पर उक्त छात्रा के परिजनों ने इसकी शिकायत थाने में की। जहां हद की बात यह है कि पुलिस ने मामले को रेप की धारा में दर्ज करने के बजाए छेड़छाड़ में मामला दर्ज कर घटना पर पर्दा डालने की कोशिश की। जबकि विभाग में तैनात दारोगा ने अपने अधिकारियों को सही धाराओं में मामला दर्ज करने और आरोपी युवकों को तलाश करने की कई बार मिन्नतें की। लेकिन विभाग ने एक ना सुनी।
पुलिस के इस तरह के रवैये के चलते ही संभवतः ऐसी घटनाओं पर अंकुश नही लग पा रहा है क्योंकि अगर बखूबी आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो हाल के और मात्र इस साल के ही दिनों में हुई छेड़खानी और उसके चलते जान गंवाने तथा स्कूल छोड़ने वाली बेटियों की संख्या समेत रेप और गैंग रेप की घटनाओं आदि की संख्या काबिल-ए-गौर है।