अयोध्या. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. मंदिर निर्माण के लिए गठित संस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया कि दिसंबर 2023 तक मंदिर तैयार हो जाने का अनुमान है. साथ ही मंदिर में जनवरी 2024 में मकर संक्राति के दिन रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने की संभावना है. साथ ही ट्रस्ट ने राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान जताया है.
गौरतलब है कि राम मंदिर तैयार होने के साथ ही लाखों की संख्या में भक्त अयोध्या पहुंचेंगे. इसको लेकर भी प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. अयोध्या में यात्री और पर्यटकों के लिए एयरपोर्ट का निर्माण चल रहा है. इसके अलावा रेलवे स्टेशन को भी भव्य बनाया जा रहा है. साथ ही अयोध्या की रेलवे कनेक्टिवटी मजबूत करने के लिए डबल लाइन का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. वहीं शहर में 6 पार्किंग बनाई जा रही है, जहां गाडिय़ों को खड़ा करने के बाद श्रद्धालु इलेक्ट्रिक वाहन से ही अयोध्या में प्रवेश करेंगे.
वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर निर्माण के लिए गठित किए गए ट्रस्ट ने लंबी बैठक के बाद ट्रस्ट के नियम और कायदों को अनुमोदन दिया. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि फैजाबाद सर्किट हाउस में आयोजित इस बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया कि राम जन्मभूमि परिसर में हिंदू धर्म से जुड़ी महान विभूतियों और साधु-संतों की प्रतिमाओं को भी स्थान दिया जाएगा.
चंपत राय ने बताया कि विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर लगाए गए ट्रस्ट के अनुमान के अनुसार राम मंदिर निर्माण पर 1800 करोड़ रुपए खर्च होंगे. वहीं लंबे अरसे तक सोच विचार और राम मंदिर निर्माण से जुड़े सभी लोगों के तमाम सुझावों पर गौर करते हुए बैठक में ट्रस्ट से जुड़े नियम कायदों और बाइलॉज को अंतिम रूप दिया गया. उन्होंने बताया कि इस बैठक में ट्रस्ट के 15 में से 14 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, उडुपी पीठाधीश्वर विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य प्रमुख रूप से शामिल थे.