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अशोक गहलोत के चक्रव्यूह में उलझा राजस्थान के सीएम का पद, आलाकमान भी स्तब्ध

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जयपुर. देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए मची खींचतान के बीच कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चक्रव्यूह में कांग्रेस पार्टी उलझती जा रही हैं. अशोक गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही गहमागहमी के बीच अशोक गहलोत ने ऐसा दांव चला है कि आलाकमान भी स्तब्ध रह गया है.

जानकारी के अनुसार अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद की दावेदारी के बीच सचिन पायलट को राजस्थान की गद्दी सौंपने के आलाकमान के फैसले के खिलाफ गहलोत गुट के बगावती तेवर खुलकर सामने आ रहे हैं. गहलोत गुट के विधायकों का कहना है कि पायलट को छोड़कर कोई भी चलेगा. इस मांग पर अडिग रहते हुए गहलोत कैंप के 80 से ज्यादा विधायकों ने रविवार की रात को अपना इस्तीफा विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिया है

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार इस बीच गहलोत गुट के विधायकों का 3 सूत्री एजेंडा भी सामने आया है. गहलोत के करीब मंत्री शांति धारीवाल सहित 4 सदस्यों ने ऑब्जर्वर के सामने अपनी राय रखी है. गहलोत खेमे का कहना है कि नए राष्ट्रीय अध्य्क्ष के चुनाव तक प्रदेश में सीएम नहीं बदला जाए. दो साल पहले जिन 102 विधायकों ने संकट के समय सरकार बचाई थी उनमें से किसी भी कांग्रेसी विधायक को सीएम बनाया जाए. वहीं सीएम चुनने में अशोक गहलोत की राय को तवज्जो मिलनी चाहिए.

राजस्थान सरकार के मंत्री और सीएम गहलोत के करीबी प्रताप खाचरियावास ने 92 विधायकों के इस्तीफे के बात कही. उन्होंने कहा कि आलाकमान ने विधायकों की राय के बिना अपना फैसला सुनाने का फैसला किया है, जो ठीक नहीं है. उन्हें एक लाइन का यह प्रस्ताव पास करने को कहा गया था कि मुख्यमंत्री का फैसला आलाकमान करेगा. हालांकि जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या सरकार गिरने वाली है तो उन्होंने इस बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे नहीं गिर जाती है।h

वहीं अभी तक सचिन पायलट चुप्पी साधे हुए हैं. यदि आलाकमान स्थिति को संभालने में नाकाम रहा तो पायलट का खेमा भी मोर्चा खोल सकता है. पायलट के पास करीब 25 विधायक हैं, जो उनके एक इशारे पर पार्टी छोड़ सकते हैं. ऐसा हुआ तो भी सरकार का बचना मुश्किल हो जाएगा. गौरतलब है कि 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 108 विधायक हैं. सरकार को माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 2, भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2, राष्ट्रीय लोकदल के एक और 13 निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है. कांग्रेस के 108 विधायकों में करीब 80-90 गहलोत कैंप में है और करीब 25 विधायक पायलट गुट में हैं. विपक्ष की बात करें तो भाजपा के पास 71 विधायक हैं और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पास 3 सदस्य हैं.

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