लखनऊ : समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि भाजपा राज में अपराध नियंत्रण के दावे धरे के धरे रह गए हैं। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं न होती हों। हालत यहां तक बिगड़ चुकी है कि अपराधियों को कानून का जरा भी डर नहीं रह गया है। और वे खुलेआम पुलिस बल पर भी हमलावर हो रहे हैं। राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है और जंगलराज कायम है। मुख्यमंत्री जी लखनऊ से बाहर गुजरात आदि के दौरों में व्यस्त हैं, यहां उनके राज्य उत्तर प्रदेश में सब कुछ भगवान भरोसे है।
लखनऊ जनपद के मलिहाबाद इलाके में युवती से दुष्कर्म का प्रयास हुआ, पीजीआई थाना क्षेत्र में दुष्कर्म से आहत किशोरी द्वारा आत्महत्या की गई। यही नहीं, रायबरेली जनपद में शोहदों से परेशान 10वीं की एक छात्रा से पुलिस ने मेडिकल के लिए 500 रूपए वसूल लिए और बयान दिलाने के लिए 4 हजार रू0 की मांग रख दी। भाजपा राज में पुलिस का एंटी रोमियों स्क्वायड बनाया जिसका अब कहीं अता पता भी नहीं है। पुलिस के गिरते मनोबल और अपराधियों के बेखौफ होने का ही नतीजा है कि आगरा में दारोगा को बंधक बनाकर पीटा गया। घाटमपुर (कानपुर देहात) में जुआ पकड़ने गए पुलिस पर हमला हुआ तो वे पैदल भागे।
व्यापारियों की जान भाजपा राज में बहुत सस्ती हो गई है। लखनऊ सहित कई जनपदों में सर्राफा व्यापारियों की हत्या तक हो गई। देवबंद के एक बड़े व्यापारी से 20 लाख रूपए की रंगदारी मांगी गई। यह सब काम जेल में बंद अपराधी अपने गुर्गों से करा रहे हैं। इन पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।
पुलिस तमाम मामलों में समय से चार्जशीट भी नहीं दाखिल कर पा रही है। विवेचना के काम में जबर्दस्त हीला हवाली हो रही है। अदालतें इसके लिए जब तक दंडात्मक कार्रवाई करने के साथ चेतावनी भी देती रहती है। राजधानी लखनऊ में काकोरी, रहीमाबाद, विकासनगर, माल, बंथरा, इलाको में अपराधिक घटनाएं घटी। खुद योगी जी के जनपद गोरखपुर में भाजपा की एक महिला नेत्री को उगाही में गिरफ्तार किया गया। महिलाएं असरुक्षित हैं।
भाजपा राज के विपरीत जब श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार थी तब कानून व्यवस्था की स्थिति सुधरी हुई थी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1090 वूमेन पावर लाइन की स्थापना हुई थी। अपराध स्थल पर सूचना मिलने से 10-15 मिनट के अंदर ही पुलिस पहुंच जाए इसको सुनिश्चित करने के लिए यूपी डायल 100 नं0 सेवा शुरू की गई थीं इनकी प्रशंसा अन्य प्रदेशों के अलावा विदेशों तक में हुई थी। श्री अखिलेश यादव के समय शांति व्यवस्था कायम थी। अपराध की स्थिति नियंत्रण में थी।
मुख्यमंत्री जी ने कुर्सी सम्हालने के बाद कहा था कि अब अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश छोड़कर भाग जाएंगे। हकीकत में सब कुछ उल्टा हो रहा है। जो अपराधी जेल में हैं वे भी वहां से भी अपना खुला दरबार चला रहे हैं। प्रदेश छोड़कर तो कोई गया नहीं, दूसरे प्रदेशों के अपराधी भी यहां के भयमुक्त माहौल में अपनी कारस्तानी दिखाने आ जाते हैं। भाजपा की कथनी -करनी का यह खेल देखकर जनता अब ऊब गई है और वह इसका करारा जवाब के लिए सन् 2019 को होने वाले लोकसभा चुनावों के इंतजार में है।