लखनऊ : शहीद-ए-वतन अशफाक उल्लाह खां की 117वीं जयंती आज समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की अध्यक्षता में मनाई गई। श्री पटेल ने उनके चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि अशफाक उल्लाह खां सांप्रदायिक भावना से कोसों दूर थे। वे कहते थे मंदिर और मस्जिद दोनों मालिक के इबादतगाह हैं फिर उनमें आपसी बैर कैसा?
श्री पटेल ने कहा कि क्रांतिकारियों को जब पैसों की जरूरत थी 9 अगस्त 1925 में काकोरी स्टेशन के निकट रेल से खजाना लूटने वाले दल में अशफाक उल्लाह खां भी थे। उन्हें फांसी की सजा हुई थी। जब फांसी से पहले उनके कुछ दोस्त उनसे मिलने गए तो वे सज संवरकर मिलने आए और बोले -कल मेरी शादी है। आजादी के लिए हंसकर अपना जीवन बलिदान करने वाले अशफाक उल्लाह खां क्रांतिकारी गतिविधियों में सबसे आगे रहते थे।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज देश में सांप्रदायिक ताकतें समाज को तोड़ने में लगी हैं। भ्रष्टाचार और लूट को खुली छूट है। इसके मुकाबले के लिए समाजवादियों को ही आगे आना होगा। लोकतांत्रिक व संवैधानिक संस्थाओं पर खतरा मंडरा रहा है। युवाओं को शहीद-ए-वतन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र की अस्मिता की रक्षा करने के लिए अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार रहना होगा।
इस अवसर पर सर्वश्री फिरासत हुसैन गामा, संजय यादव राही, वंदना चतुर्वेदी, कृष्ण कुमार पटेल ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में सर्वश्री तारिक हुसैन सिद्दीकी, रवि शंकर शुक्ल, दिलदार अली, अरविन्द यादव, हाजी इसहाक सिद्दीकी, डा0 अखिलेश पटेल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।