लखनऊ। बेहद दिलचस्प और काबिले गौर है समाजवादी पार्टी के कुनबे की कलह, जिसके असर के चलते आज भी कोई छोड़ नही रहा कसर क्योंकि जिसे जब भी मौका मिलता है वो अपना दांव चल जाता है। जिसके चलते अक्सर पार्टी का समीकरण ही बदल जाता है ऐसा ही कुछ आज तब देखने में आया जब राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को विधायकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में शिवपाल यादव समेत कुल 7 विधायक नदारद रहे। जबकि कुल 47 विधायक में से 40 विधायक ही पहुंचे।
जैसा कि सपा मुखिया ने पार्टी दफ्तर में आज सुबह 11 बजे बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सपा के सभी विधायकों को शामिल होना था लेकिन 40 विधायक ही बैठक में मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि शिवपाल यादव सैफई चले गए हैं और ऐसे में वह शाम को होने वाली डिनर पार्टी में भी शामिल नहीं हो पाएंगे।
ज्ञात हो कि सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने बुधवार को राजधानी के विवांता द ताज होटल में रात्रि भोज का आयोजन किया है। इस डिनर पार्टी में सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, प्रमुख सचिव रामगोपाल यादव, राज्यसभा प्रत्याशी जया बच्चन, पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को निमंत्रण दिया गया है। वहीं पूर्व मंत्री को भी इस डिनर में बुलाया गया है।
वहीं गाैरतलब है कि 23 मार्च काे राज्यसभा का चुनाव हाेना है। सपा के पास इस समय कुल 47 विधायक, बसपा के पास 19 विधायक आैर कांग्रेस के पास 7 विधायक माैजूद हैं। इन विधायकाें काे मिलाया जाए ताे कुल संख्या 73 विधायक हैं। सपा-बसपा ने अपने एक एक प्रत्याशी काे मैदान में उतारा है।
जानकारों की मानें तो राज्यसभा फार्मूले के तहत एक राज्यसभा सांसद के लिए कुल 34 विधायक मतदान कर सकते हैं। एेसे में सपा-बसपा कुल 68 विधायकाें की वाेटिंग के साथ अपने एक एक सांसद काे जिता सकती है। वाेटिंग के बाद भी उसके 5 विधायक शेष रह जाएंगे। लेकिन सपा-बसपा के लिए चिंता का विषय ये है कि अखिलेश की बैठक में शिवपाल समेत 7 विधायक शामिल नहीं हुए हैं।
इसलिए एेसे में अगर वह बीजेपी के पक्ष में क्रास वाेटिंग करते हैं ताे भाजपा अपना एक कैंडिडेट आैर जिता लेगी। वहीं बसपा के लिए अपने कैंडिडेट काे राज्यसभा भेजने का सपना अधूरा रह जाएगा।