लखनऊ। देश में छह राज्यों की 25 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान आज जारी है। क्योंकि दस राज्यों से राज्यसभा की 58 सीटों में से 33 उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन संपन्न हो चुका है। वहीं आज होने वाले इस चुनाव में उत्तर प्रदेश की बेहद अहम 10 सीटें भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में 10वीं सीट के लिए जहां भाजपा की ओर से एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतार देने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। वहीं (सपा)विधायक नितिन अग्रवाल तथा बसपा प्रत्याशी अनिल सिंह द्वारा बीजेपी के पक्ष में की गई क्रास वाेटिंग से अखिलेश-मायावती खेमे की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं।
गौरतलब है कि मतदान शुरू होने के बाद सपा और बसपा को बड़ा झटका लगा है और दोनों ही पार्टियों के एक-एक विधायक ने अब तक भाजपा के समर्थन में मतदान किया है। बसपा के विधायक अनील सिंह ने भाजपा के समर्थन में वोट किया है वहीं सपा विधायक और नरेश अग्रवाल के बेटे विजय अग्रवाल ने भी भाजपा को वोट दिया है।
इसके अलावा कल बांदा जेल में बंद विधायक मुख्तार अंसारी के वोट देने पर इलाहबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। वहीं दूसरी ओर फिरोजाबाद की जेल में बंद एसपी विधायक हरिओम यादव के वोट देने पर जिलाधिकारी ने रोक लगा दी है। मुख्तार अंसारी की पार्टी का समर्थन बीएसपी को है। इस खबर को अखिलेश यादव और मायावती खेमे के लिए झटका माना जा रहा है।
जबकि सपा, बसपा, कांग्रेस और भाजपा नेता एक के बाद एक वोट डालने पहुंच रहे हैं और अपने-अपने दावे कर रहे हैं। सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि भाजपा के विधायक क्रॉस वोटिंग करेंगे वहीं भाजपा, बहुजन समाजवादी पार्टी के तीन विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है। मतदान शुरू होने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी विधानसभा पहुंचे।
वैसे तो छह राज्यों में 25 सीटों के लिए चुनाव हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना शामिल हैं। 17 राज्यों से आने वाले इन सदस्यों में सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश (10) से है। संसद के उच्च सदन के लिए सरकार और विपक्ष के बीच जोर आजमाइश जारी है।
सबसे बड़ा सस्पेंस उत्तर प्रदेश में है। हर किसी की जुबां पर यही सवाल है कि क्या मायावती अपने एक सदस्य को राज्यसभा पहुंचा पाएंगी। दरअसल, यूपी से 10 सदस्य चुने जाने हैं। विधानसभा सदस्यों की संख्या हिसाब से यहां एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 37 विधायक होने चाहिए। भाजपा के पास 324 विधायक हैं यानी 8 सीट पक्की। इसके बाद भी 28 वोट शेष बचेंगे।
नौवीं सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जाना तय है, क्योंकि उसके 47 विधायक हैं। यानी सपा के पास भी 10 वोट अतिरिक्त हैं। अब बात मायावती की। बसपा के 19 विधायक हैं। उसे अपने एक मात्र सदस्य को राज्यसभा में भेजने के लिए 18 और विधायकों का समर्थन चाहिए। इनमें सपा के 10 और कांग्रेस के 7 विधायक मिला दिए जाएं तो कुल वोट 36 हो जाते हैं। मायावती को उम्मीद है कि आरएलडी का एक मात्र वोट उसे मिलेगा और भीमराव आम्बेडकर राज्यसभा जा पाएंगे।
वहीं भाजपा ने इस उम्मीद के साथ नौवां उम्मीदवार उतारा है कि क्रॉस वोटिंग होगी और बसपा की जगह उसका एक और सदस्य राज्यसभा में बढ़ जाएगा। सपा के शिवपाल यादव और उनके समर्थक विधायकों पर सभी की नजरें होंगी। यदि वे पार्टी लाइन से हटकर वोटिंग करते हैं, तो भाजपा का रणनीति कामयाब हो सकती है।