मशहूर पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने आज कट्टरपंथियों को भारतीय सिनेमा में सांप्रदायिकता न फैलाने को आगाह करते हुए सिनेमा जगत को ‘धर्मनिरपेक्षता’ का गढ़ करार दिया।भारतीय मूल के फ्रैंच पत्रकार फ्रांको गौतियर के महाभारत पर फिल्म बनाने और उसमें आमिर के कृष्ण की भूमिका निभाने की खबरों पर प्रतिक्रिया देने के बाद 73 वर्षीय गीतकार एवं लेखक ने यह टिप्पणी की है।
अपने ट्वीट में गौतियर ने आमिर खान के मुसलमान होने को रेखांकित करते हुए उनके हिंदू महाकाव्य महाभारत में किरदार निभाने पर सवाल उठाया था।
अख्तर ने गौतियर का नाम लिए बिना ट्वीट किया कि मैं इस इंडस्ट्री में वर्ष 1965 में आया था जब मेरी तनख्वाह 50 रुपए थी। मैंने इन 53 वर्षों में कभी भी किसी सांप्रदायिक तत्व को न देखा और न ऐसा कुछ अनुभव किया। भारतीय सिनेमा जगत धर्मनिरपेक्षता का गढ़ है, कट्टरपंथी लोग इसे दूषित न करें।