लखनऊ! मंगलवार को योगी कैबिनेट की हुई अहम बैठक में चार बड़े – बड़े फैसले लिए गए जिसमें पहला फैसला निजी स्कूलों की जा रही मनमानी पर लगाम लगाने के लिए लिया गया है. कैबिनेट फैसले में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि शुल्क नियंत्रण की एक प्राविधि बने कुछ बिंदु पर नियमावली बनाने का कार्य किया गया है.
मंगलवार को विधानसभा का कैबिनेट ने सत्रावसान किया. डेप्युटी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि कैबिनेट में प्राइवेट स्कूलों में मनमानी फीस वसूली को लेकर चर्चा हुई. शुल्क नियंत्रण को लेकर नियमावली बनाई गई है. उन्होंने बताया कि यूपी सरकार नया विधेयक लेकर आई है, जिसका नाम है उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषक शुल्क निर्धारण विधेयक. इसके तहत शुल्क लेने के नये बिंदु तय किए गए हैं, इससे स्कूल पारदर्शी तरीके से फीस ले सकेंगे और किसी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी. यह शुल्क नियंत्रण नियमावली सिर्फ यूपी बोर्ड के स्कूलों में ही नहीं बल्कि सीबीएसई और आईसीएससी बोर्ड के स्कूलों में भी लागू होगी.
यूपी सरकार की कैबिनेट ने फैसला लिया है कि स्कूलों की यूनिफॉर्म में पांच वर्ष तक कोई परिवर्तन नहीं होगा. मतलब स्कूलवाले एक बार यूनिफॉर्म में परिवर्तन करने के बाद अगले पांच साल तक यूनिफॉर्म में परिवर्तन नहीं कर पाएंगे. अभी कई प्राइवेट स्कूल एक या दो साल में यूनिफॉर्म में बदलाव कर देते हैं.
हर साल फीस बढाने को लेकर जो स्कूलों की मनमानी की जा रही थी उस पर नियंत्रण होगा. अब फीस बढ़ाने के लिए स्कूल में टीचर्स के मासिक वेतन में बढोत्तरी के अनुपात के हिसाब से बढ़ाई जाएगी. साथ ही ये बढ़ोतरी किसी भी सूरत में 5-7 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी.
स्कूलों में व्यवसायिक गतिविधियां, जैसे गेस्ट हाउस, दुकानें चला रहे स्कूलों पर नियंत्रण किया जायेगा. साथ ही स्कूल को होने वाली आय की जानकारी देनी होगी और उसका इस्तेमाल स्कूल के लिए करना होगा, छात्रों की फीस कम करने के लिए और टीचर्स के वेतन के लिए करना होगा. आय को स्कूलों के अकांउट में दिखाना पड़ेगा.
इसके अलावा किसानों की आय दोगुना किए जाने के लिए प्रदेश में पहली बार एग्रो कृषि प्रणाली विकसित की जाएगी. यह प्रणाली हैदराबाद का उच्च संस्थान विकसित करेगा. मौसम की जानकारी, कृषि प्रणाली का निर्धारण से लेकर किसानों को खेत तक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इस प्रणाली से रोजगार में वृद्धि होगी. पशु पालन, दुग्ध उत्पादन, मछली पालन की भी कृषि प्रणाली में शामिल किया जायेगा. वहीं कैबिनेट में सहायक अभियंता परीक्षा प्रणाली के साक्षात्कार में 250 नंबर को 100 नंबर किए जाने के मामले में भी फैसला लिया गया है.