अहमदाबाद। गरीबी और तंगहाली आदमी से क्या न करा दे मालिक ही जाने देश के एक राज्य से कुछ ऐसा किस्सा सामने आया है जिसने बखूबी ये समझाया है। दरअसल यहां एक बेटे ने अपनी मां का पैर घर पर ही काट दिया। ऐसा उसने इसलिए किया क्योंकि उसके पास मां के इलाज एवं ऑपरेशन के लिए पैसे नहीं थे। उसकी मां को पैर में गेगरीन था, जिसके चलते पैर काटना जरूरी हो गया था।
गौरतलब है कि पंचमहाल जिले के घोघंबा तहसील के राजगढ़ गांव के गुलाव चौहान नामक युवक राज्य परिवहन निगम में ड्राइवर के पदर पर काम करता है। उसकी मां को शुगर की बीमारी है। वृद्ध मां के पैर में गैगरीन हो गया था। घाव ठीक नहीं होने पर पुत्र गुलाब चौहान अक्सर डॉक्टर से सलाह मशविरा करता रहता था। डाक्टर उसे पैर कटवाने की सलाह देते थे।
हालांकि अब तक गुलाब चौहान मां के इलाज पर बहुत खर्च कर चुका था। उसके पास रुपये नहीं थे। उसने निर्णय कर लिया कि वह खुद ही अपनी मां का पैर काट डालेगा। उसने इसमें मदद के लिए अपने दो बहनों को भी बुला लिया था। उसने इस प्रकार के ऑपरेशन के लिए आवश्यक सामान भी मंगवा लिया था।
चिकित्सा के लिए धन का अभाव होने से गुलाब ने अपनी माता को तकलीफ से छुटकारा के लिए खुद ही ऑपरेशन किया। उसने खाट पर अपनी वृद्ध माता को बैठाकर बहनों की सहायता से मां के पैर काट दिया। उसने इसका वीडियो भी तैयार किया है। अब उनकी तबीयत ठीक है और रिकवरी भी हो रही है।
ज्ञात हो कि गुजरात सरकार ने हाल ही में प्रायोगिक तौर पर राजधानी गांधीनगर में वरिष्ठ नागरिकों को केवल 1000 रुपए में घर-बैठे विविध परीक्षणों सहित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की है। वहीं राज्य के ग्रामीण इलाको में विशेष कर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में लोगों की चिकित्साकीय हालत इतनी खराब है कि वे समय पर इलाज नहीं करवा पाते। इसी के चलते गुलाब ने पैसों के अभाव के कारण अपनी 90 वर्षीय मां का गैगरीन से ग्रस्त पैर अपने हाथों से ही काट डाला।