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दिल्ली: बढ़ते प्रदूषण का असर, सांस लेना भी हुआ दूभर

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नई दिल्ली।  देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर हवाओं में बढ़ते जहर को देखते सख्त कदम उठाने पड़े हैं जिसके तहत आपात कदम उठाते हुए सभी निर्माण गतिविधियों पर 17 जून तक रोक लगा दी गई है।

गौरतलब है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए गुरुवार को आपात उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में आपात उपायों के तहत सभी निर्माण गतिविधियों पर 17 जून तक रोक लगाने का फैसला किया गया। धूल प्रदूषण को कम करने के लिए पानी का छिड़काव भी किया जाएगा।

बताया जाता है कि इस बैठक में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण, दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बैजल ने जानकारी दी कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई), दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन, तीनों निगम, लोक निर्माण विभाग और एनबीसीसी जैसी एजेंसियां अधिक निगरानी रखेंगी और निर्माण गतिविधियों को 17 जून तक स्थगित रखने के फैसले का पालन कराएंगीं।

इस दौरान उपराज्यपाल ने हरित दिल्ली को हम सबका साझा लक्ष्य बताते हुए  कहा कि दिल्ली में तीन महीने 15 जुलाई से 15 सितंबर तक बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाया जायेगा जिसमें दिल्ली के निवासियों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। पौधारोपण के लिए जगह को चिन्हित करने और पौधों की खरीद और उपलब्धता का काम दिल्ली का वन विभाग करेगा।  राजधानी में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है और मौसम विभाग का मानना है कि इससे अभी अगले दो-तीन रोज राहत नहीं मिलने वाली हैं।

हालांकि जहां वैसे ही प्रदूषण की वजह से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। वही रही सही कसर राजस्थान में आई धूल भरी आंधी ने पूरी कर दी जिसका प्रभाव गुरुवार को दिल्ली और अन्य क्षेत्रों में भी देखने को मिला। दिल्ली में मंगलवार से ही वातावरण में धूल छाई हुई है। राजस्थान में आये तूफान की वजह से ऐसा हुआ है। धूल और हवा में गुणवत्ता का स्तर घटने से बुधवार पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर बढ़ गया। पीएम 2.5 का स्तर करीब 157 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। पीएम 10 का स्तर आर के नगर में 797 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया।

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